अब हुड्डा ने खट्टर सरकार पर फैंका पासा

6/24/2018 11:44:49 AM

चंडीगढ़ (पांडेय): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर खट्टर सरकार प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा को लेकर विधानसभा में बिल लाएगी तो कांग्रेस पार्टी उसका पूर्ण समर्थन ही नहीं करेंगी, बल्कि इसका श्रेय भी सरकार को देने में नहीं हिचकिचाएगी। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि इस मामले में वह  सरकार को पत्र लिखते हुए पूरा दबाव बनाया जाएगा और मामले को कांग्रेस पार्टी विधानसभा में जोरदार तरीके उठाएगी। 

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नई दिल्ली में  मुलाकात कर हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने की मांग का ज्ञापन सौंपा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कर्मचारियों को यकीन दिलाया कि सरकार से अध्यादेश लाकर हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने की मांग करेंगे। उन्होंने सरकार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर हाईकोर्ट के निर्णय के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का बिल पारित करने के मांग भी सरकार से की है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दोनों मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का काम करेगी। उन्होंने यह आश्वासन हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने की मांग को लेकर उनके आवास पर पहुंचे सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के सामूहिक प्रतिनिधिमंडल को दिया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सकसं के महासचिव सुभाष लाम्बा, वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, उप प्रधान सबिता, सुरेश नौहरा तथा सचिव राजेंद्र जुलाना कर रहे थे। प्रतिनिधिमंडल में हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित सभी विभागों के सैंकड़ों कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल थे।

नौकरी नहीं, प्रदेश की जनता से जुड़ा हुआ है यह मुद्दा 
हुड्डा ने कहा कि यह मामला केवल लाखों कर्मचारियों की नौकरी से बाहर होने का ही नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की जनता से जुड़ा हुआ मुद्दा है क्योंकि अगर विभिन्न विभागों में काम कर रहे लाखों कर्मचारी 6 महीने में नौकरी से बाहर होंगे तो सभी विभागों का कामकाज ठप्प हो जाएगा जिसका खमियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा क्योंकि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार खाली पड़े लाखों पदों को 6 महीने में नियमित भर्ती से नहीं भर सकती है। उन्होंने कर्मचारियों की अन्य मांगों व 28 जून के जेल भरो आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया।

महासचिव सुभाष लाम्बा ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्णय आए हुए 22 दिन बीत चुके हैं लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक इस निर्णय पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है जिसके कारण कर्मचारियों में भारी बेचैनी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री, सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों, नेता प्रतिपक्ष, विधायी दल के नेता को ज्ञापन सौंपते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की जा रही है, ताकि सभी के सहयोग एवं समर्थन से हाईकोर्ट के निर्णय के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का बिल सर्वसम्मति से विधानसभा में पारित किया जा सके।

Deepak Paul