10 साल तक शासन किया, खिलाड़ियों के लिए नहीं था कोई ऐसा फैसला: हुड्डा

6/8/2018 4:42:21 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज): हरियाणा सरकार द्वारा खिलाड़ियों के लिए किए गए फैसले के बाद बवाल मच गया है। सरकार के तुगलकी फरमान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आपत्ति जताई अौर कहा कि ये सरकार का खिलाड़ियों के साथ भद्दा मजाक है। सरकार को इसे तुरंत वापस ले लेना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि उन्होंने दस साल तक शासन किया और उनकी सरकार के दौरान खिलाड़ियों के लिए कोई भी ऐसा फैसला नहीं था। इस फैसले से खिलाड़ियों पर दोहरी मार पड़ेगी। खिलाड़ियों को छुट्टी के पैसे के साथ 33 प्रतिशत पैसा स्पोर्ट्स काउंसिल में जमा करना पड़ेगा। सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहन की बजाय हताश कर रही है। 

सरकार द्वारा प्रोफेशनल खिलाड़ियों की कमाई से 33 फीसदी मांगने पर हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज के बयान पर हुड्डा ने कहा कि अपने शासन काल में ऐसा कोई फैसला नहीं देखा है। अगर यह पुरानी पॉलिसी है तो इसका नोटिफिकेशन अब क्यों हो रहा है। उल्लेखनीय है कि अनिल विज ने कहा कि था कि खेल विभाग में इस प्रकार के नियम पहले से ही हैं, इसमें कुछ नया नहीं है।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने एक अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है। सरकार ने हरियाणा प्रोफेशनल खिलाड़ियों को बड़ा झटका देते हुए उनकी कमाई का पैसा मांगा है। खेल विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए प्रोफेशनल खिलाड़ियों की आय का 33 फीसदी हिस्सा मांगा है। हरियाणा सरकार के खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने ये निर्देश जारी किया है। खिलाड़ी अगर बिना तनख्वाह के किसी प्रोफेशनल टूर्नामेंट या विज्ञापन इत्यादि में काम करता है तो उसे कमाई की एक तिहाई फीस स्पोर्टस कौंसिल को देनी होगी। खिलाड़ी तनख्वाह के साथ-2 भी प्रोफेशनल खेलता है या किसी कमर्शियल एंडोर्समेंट का हिस्सा बनते हैं तो खिलाड़ी को अपनी पूरी कमाई स्पोर्ट्स कौंसिल को देनी होगी। हरियाणा के खिलाड़ी इस फैसले के बाद बगावत पर उतर आए हैं।
 

Nisha Bhardwaj