प्रतिपक्ष नेता से इंकार, मुख्यमंत्री का चेहरा बनना चाहते हैं हुड्डा

8/31/2019 10:32:41 AM

फरीदाबाद(महावीर) : दो दिन से हरियाणा को लेकर कांग्रेस हाईकमान की सक्रियता शुक्रवार को भी गुटबाजी का पटाक्षेप नहीं कर पाई। वीरवार को कांग्रेस मुख्यालय से जुड़े सूत्रों अनुसार 24 घंटे में हरियाणा के मामले को सुलझाने की बात कही गई थी लेकिन शुक्रवार देर सायं समाचार लिखे जाने तक मामले में अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। शुक्रवार को दिन में प्रदेश कांग्रेस की सी.एल.पी. लीडर किरण चौधरी को भी सोनिया गांधी ने बुलाया था। दोनों के बीच हुई बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन सूत्रों से पता चला है कि सोनिया गांधी ने हरियाणा के मामले में किरण चौधरी से भी सभी पहलुओं पर चर्चा की। 

उधर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर हाईकमान द्वारा सहमति की बात सामने आ रही है लेकिन पता चला है कि हुड्डा ने इस संदर्भ में सहमति नहीं दी है वह स्वयं को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराने के लिए आग्रह कर रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस काफी बुरे दौर से गुजर रही है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदेश के नेताओं की गुटबाजी है। हैरानी की बात यह है कि हाईकमान ने इस गुटबाजी को खत्म करने में बहुत देर कर दी है और अभी भी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा रहा। भूपेंद्र हुड्डा या दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर हाईकमान सहमत नहीं है और भूपेंद्र हुड्डा नेता प्रतिपक्ष बनने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में बीच का रास्ता निकालना हाईकमान के लिए परेशानी पैदा कर रहा है। 

हुड्डा द्वारा दिए अन्य विकल्प में वह चाहते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा जाए। इस मामले में निर्णय लेने में हाईकमान समय ले रहा है। विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। 8 सितम्बर के बाद कभी भी आचार संहिता की घोषणा अनुमानित है। इन परिस्थितियों में हुड्डा गुट के सामने इंतजार के पल मुश्किलों भरे हैं। हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि शनिवार तक हाईकमान अपना फैसला सुना देगा लेकिन मामले में पल-पल हो रही देरी कांग्रेस के लिए नुक्सानदायक है।

किरण चौधरी व सोनिया गांधी की मुलाकात में भी प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की बात सामने आई है लेकिन सोनिया गांधी ने अपनी कोई भी राय किरण चौधरी से सांझा नहीं की है। कांग्रेस हरियाणा में दलित चेहरे को आगे रखकर ही विधानसभा चुनाव लडऩा चाहती है। हालांकि उसके पास कुमारी शैलजा एक मजबूत विकल्प हैं लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा को संतुष्ट करने के लिए कोई बीच का रास्ता अख्तियार करने का मन पार्टी बना रही है। 

Isha