दल बदल के खेल में भी डटे रहे हुड्डा समर्थक

8/15/2019 11:27:12 AM

चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा में विधानसभा चुनाव बेशक अक्तूबर में होने हैं लेकिन चुनावी माहौल नजर आने लगा है। भाजपा किसी भी तरह से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव को तारपीडो करने में जुटी है,क्योंकि मिशन 75 प्लस की राह में हुड्डा ही रुकावट नजर आ रहे हैं इसलिए उन्हें घेरने हेतु हर तरह की कूटनीति का सहारा लिया जा रहा है।  राजनीतिक दलों में जिस तरह दल बदल का खेल चल रहा है,ऐसे में हुड्डा समर्थकों का डटना भाजपा को ज्यादा खटक रहा है।

हुड्डा की महापरिवर्तन रैली की घोषणा के बाद ही मुख्यमंत्री की यात्रा का कार्यक्रम तय हुआ। हुड्डा का दावा है कि यह प्रदेश की सबसे बड़ी रैली होगी और उनका दावा सही साबित होता है तो सत्ताधारी दल को नई रणनीति बनाकर बढऩा पड़ेगा। हुड्डा समर्थक रैली में भीड़ जुटाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं,क्योंकि 10 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हुड्डा की लड़ाई अब निर्णायक दौर में है। कांग्रेस संगठन में बिखराव से आहत हुड्डा समर्थक विधायकों ने जहां हाईकमान पर प्रदेश की कमान अपने नेता को सौंपने का दबाव बना रखा है वहीं चुनाव से पहले हुड्डा टिकट बांटने की जिम्मेदारी अपने हाथों में रखना चाहते हैं,ताकि सत्ता पर दावेदारी बरकरार रहे। 

18 अगस्त से पहले हाईकमान हरियाणा को लेकर कर सकता है फैसला
कांग्रेस गलियारों में उम्मीद जताई जा रही है कि हाईकमान 18 अगस्त से पहले प्रदेश को लेकर कोई फैसला कर सकता है, क्योंकि काग्रेस हाईकमान के वरिष्ठ नेताओं ने हुड्डा को विश्वास दिलवाया है कि जल्द हरियाणा को लेकर फैसला होगा। हुड्डा ने कांग्रेस हाईकमान को विश्वास दिलवाया कि न नई पार्टी बनाएंगे और न ही कोई ऐसा कदम उठाएंगे जिससे पार्टी को नुक्सान हो। हाईकमान ने भी कहा है कि हुड्डा की महापरिवर्तन रैली कांग्रेस की रैली मानी जाएगी। हुड्डा समर्थकों को उम्मीद है कि सोनिया गांधी हुड्डा को चुनाव की कमान सौंप सकती है। 

रैली पर कांग्रेस हाईकमान के अलावा अन्य दलों की भी निगाहें
महापरिवर्तन रैली पर कांग्रेस हाईकमान के अलावा प्रदेश की अन्य राजनीतिक दलों की भी निगाहें टिकी हैं जो यह देखने में लगी हैं कि रैली में कितनी भीड़ जुटती है क्योंकि हो सकता है कि अन्य दलों के कुछ नेता जो अभी अपनी पार्टियों के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है या राजनीतिक इच्छा पूरी होती नहीं दिख रही,वह रैली के बाद हुड्डा के साथ खड़े हों। प्रदेश में कांग्रेस के 16 विधायक हैं,जिनमें से 12 हुड्डा समर्थक हैं। जयतीर्थ दहिया, जो हुड्डा समर्थक विधायक थे, उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के व्यवहार से खिन्न होकर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके चलते कांग्रेस विधायकों की संख्या 17 से घटकर 16 हो गई और हुड्डा समर्थक विधायकों की संख्या 12 हो गई लेकिन इस्तीफा देने के बाद भी दहिया हुड्डा के साथ खड़े हैं।

Isha