जाट बनाम गैर जाट का नारा मैंने नहीं दिया- पूर्व सांसद राजकुमार सैनी

5/6/2022 10:07:17 PM

चंडीगढ़(धरणी): कुरुक्षेत्र लोकसभा से दो बार वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवीन जिंदल को परास्त करने वाले राजकुमार सैनी लगातार लंबे समय तक सुर्खियों में रहे। ना केवल सुर्खियों में बल्कि हरियाणा में जाट-गैर जाट की राजनीति को हवा देकर भाजपा को बुलंदियों पर पहुंचाने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। लगातार अपनी बयानबाजियो से जहां गैर जाटों के चहेते नेता बने। वहीं जाट समाज ने लगातार उनके खिलाफ रोष प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए पुतले फूंके। ना केवल देश बल्कि विदेशों में भी इनके पुतले फुंके जा चुके हैं। उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की गई। लेकिन अब राजकुमार सैनी भाजपा को त्याग कर अपनी अलग राह चुन चुके हैं। लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का निर्माण कर प्रदेश में कई रैलियों का आयोजन कर चुके हैं। पार्टी का मकसद पिछड़ों और दलितों को एक झंडे के नीचे लाकर प्रदेश में सरकार बनाना है। 

पंजाब केसरी से खास बातचीत में सैनी ने कई महत्वपूर्ण और ज्वलनशील मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। राजकुमार सैनी ने गैरजाट-जाट के नारे को नकारते हुए कहा कि मैंने आज तक किसी भी प्रकार की मीडिया के सामने, किसी मंच से या सभा में कोई भी ऐसी बयानबाजी नहीं की है। अगर कोई प्रमाणित कर देगा तो मैं उसके जूते में पानी पी लूंगा।  सैनी ने कहा कि यह नारा, उन्होंने लगाया, जिन्होंने इसका फायदा उठाया है। उन्होंने यह नारा लगाने का आरोप पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी पर लगाया है। उन्होंने कहा कि मैंने मात्र यही कहा था कि अगर जाट वर्ग को आरक्षण चाहिए तो क्यों ना सभी जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण दे दिया जाए। देश में आरक्षण क्यों ना शत प्रतिशत कर दिया जाए। क्योंकि आरक्षण किसी की गरीबी हटाने का उन्मूलन नहीं हो सकता। सत्ता-शासन और प्रशासन में सभी जातियों को हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। हर जाति में नौजवान पढ़े लिखे हैं। इसलिए उनकी शासन -प्रशासन में सुनिश्चिता तय होनी चाहिए।

पिछड़ों की भारी तादाद वाले उत्तरी हरियाणा से निकलता है विधानसभा का रास्ता- सैनी

 राजकुमार सैनी लगातार पिछड़े और अनुसूचित समाज के लिए आवाज बुलंद करते रहे हैं। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से मजबूत दो लोग भी इकट्ठे नहीं हो सकते। जबकि भूखे 100 लोग भी एकदम इकट्ठे हो जाते हैं। इसीलिए राजनीति के भूखे लोग इकट्ठे फटाफट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरी हरियाणा के यह जिले एग्रो बेस, कमर्शियल बेस और एजुकेशन बेस्ट से पूरी तरह से संपन्न है। आर्थिक रूप से रजे हुए हैं लेकिन राजनीतिक परिपक्वता की कमी है। इसलिए राजनीति को ज्यादा जरूरत नहीं समझते। लेकिन आने वाले समय में इस क्षेत्र को हक दिलवाने के लिए हम अपने राजनीतिक संगठन की तरफ से जागरूकता लाने का काम करेंगे। 2024 के चुनाव तक इस बेल्ट को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पिछड़ा समाज बड़ी तादाद में है। लेकिन हमेशा इस समाज को जानबूझकर पीछे धकेला गया है। जबकि हर बार बनी सरकार में इस क्षेत्र के लोगों ने बड़ी भूमिका निभाई है। चाहे वह हुड्डा की सरकार हो या भाजपा की। चंडीगढ़ का रास्ता यहीं से निकला है।

दिल्ली के स्कूलों में मास्टर और मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टर  नहीं- पूर्व सांसद

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान पूरा पंजाब भाजपा और अकालियों के खिलाफ था। दूसरी तरफ सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच लगातार बयानबाजी और उठापटक के चलते कांग्रेस की कलह जगजाहिर हो चुकी थी। इस लड़ाई के दौरान कांग्रेस ने दलित कार्ड खेला। लेकिन दलितों और पिछड़ों को देश में कोई वोट नहीं देता। क्योंकि खुद दलित और पिछड़े ही अपनों को वोट नहीं देते। पूरे पंजाब के लोगों ने मिलकर आम आदमी पार्टी को चुन लिया। यह वोट आम आदमी पार्टी के कारण नहीं विरोध के कारण वोट मिले थे। इस कारण से 92 सीटें यह पार्टी जीत पाई। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के लोग शिक्षा- स्वास्थ्य नीति की जीत बता रहे हैं। लेकिन दिल्ली के स्कूलों में मास्टर नहीं है और मोहल्ला क्लीनिक खाली पड़े हैं। यह जनता के वायदों पर खरा नहीं उतर पाएगी।

राजधानी चंडीगढ़ और एसवाईएल मुद्दे पर भी बोले सैनी

राजधानी चंडीगढ़ और एसवाईएल के पानी के सवाल पर जवाब देते हुए कहा पूर्व सांसद ने कहा कि केजरीवाल ने पंजाब के पास पानी की कमी होने की बात कही। केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा को एक बूंद पानी नहीं मिलेगा। जबकि पानी बहकर पाकिस्तान में जा रहा है। जब केजरीवाल हरियाणा में आएगा तो जनता स्वयं पूछेगी कि हरियाणा के हिस्से के पानी और राजधानी चंडीगढ़ के क्लेम पर उनका क्या स्टैंड है। केजरीवाल को इसका जवाब देना होगा। राजधानी चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा और पंजाब में चल रही खिंचतान पर सैनी ने कहा कि चंडीगढ़ एक बेहद खूबसूरत शहर है। इसे राजनीतिक क्लेश के हवाले नहीं करना चाहिए।

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Content Writer

Vivek Rai