IAS-IPS की संपत्ति सार्वजनिक करने को मुख्य सचिव से 6 हफ्तों में मांगी राय

7/1/2018 12:54:23 PM

चंडीगढ़(बंसल): हरियाणा सूचना आयोग के सख्त रुख के चलते प्रदेश के सभी आई.ए.एस., आई.पी.एस., एच.सी.एस., एच.पी.एस. सहित सभी राजपत्रित अधिकारियों को अपनी चल-अचल सम्पत्ति सार्वजनिक करनी पड़ सकती है, क्योंकि इस संदर्भ में राज्य सूचना आयुक्त हेमंत अत्री और योगेंद्र गुप्ता की खंडपीठ ने पिछले दिनों सुरक्षित किए गए फैसले में अंतरिम आदेश जारी करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव से 6 सप्ताह के भीतर राय मांगी गई है।

इतना ही नहीं, आयोग की खंडपीठ ने अंतरिम आदेशों में मुख्य सचिव और डी.जी.पी. कार्यालयों को फाइलें नष्ट करने के मामले में फटकार लगाते हुए तत्काल आयोग के सचिवालय और आवेदकों की मदद से नई फाइल तैयार करने के फरमान जारी किए हैं। आयोग ने मुख्य सचिव और डी.जी.पी. कार्यालय के सूचना अधिकारियों से पूछा कि जब इतना महत्वपूर्ण मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और सूचना आयोग के समक्ष विचाराधीन है तो ऐसे में उन्होंने फाइल नष्ट क्यों कर दी?

खंठपीठ के इस गंभीर सवाल का दोनों ही सूचना अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं मिला। अंतरिम आदेशों में खंडपीठ ने कहा है कि बेशक, भारतीय प्रशासनिक सेवा के कुछ आई.ए.एस. और आई.पी.एस. अधिकारियों की अचल सम्पत्तियों का विवरण उनके विभागों की वैबसाइट पर उपलब्ध है। ऐसे में हरियाणा प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारियों के साथ राजपत्रित अधिकारियों का विवरण सार्वजनिक करने पर मुख्य सचिव की राय भी अंतिम फैसला लेने से फैसले ली जानी चाहिए। इसके लिए मुख्य सचिव से 6 सप्ताह में अपनी राय देने को कहा गया है।
 

Nisha Bhardwaj