अवैध खनन घोटाले में लूट सके तो लूट, फिर पछताएगा जब महकमा जाएगा छूट : अभय सिंह चौटाला

2/23/2020 9:03:30 AM

डेस्क : अवैध खनन का धंधा बेरोक-टोक चल रहा है। यह बात इनैलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने एक बयान के दौरान हरियाणा में हो रहे अवैध खनन के बारे में कही। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि एक वरिष्ठ मंत्री अपनी ही सरकार के विभाग की कार्यप्रणाली बारे मीडिया में आरोप लगा कर सरकार के भ्रष्टाचार के ‘जीरो टॉलरैंस’ के दावे की पोल खोल रहा था। मंत्री जी को मजबूर होकर गृह मंत्री को पत्र लिख कर अनुरोध करना पड़ा कि अवैध खनन के धंधे को रोकने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दें कि वे इसमें मदद करें। 

इनैलो नेता ने कहा कि सरकार का यह कहना तो उचित है कि भाजपा ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाई है क्योंकि प्रदेश में बगैर किसी डर के मंत्री और अधिकारी अवैध धंधे से प्रदेश को दोनों हाथों से लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। कैग ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि खनन की वजह से नदी का बहाव भी बदल गया है जिसकी वजह से पानी के कटाव के कारण किसानों की जमीन का कुछ भाग भी पानी में समा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध खनन की वजह से 1,476 करोड़ रुपए राजस्व का नुक्सान हुआ है। स्टांप ड्यूटी के 24 करोड़ भी जमा नहीं करवाए और इसके बावजूद ठेकेदारों के खिलाफ गठबंधन सरकार ने तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की। खनन मंत्री का यह भी कहना है कि सभी अधिकारियों में खनन विभाग में तबादला करवाने की होड़ लगी है। मंत्री ने कहा कि पंचकूला, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत और भिवानी आदि में सबसे अधिक अवैध खनन होता है। अब सरकार ने दो अन्य एस.आई.टी. भी इस धंधे को बंद करने के लिए बनाई है अर्थात इसमें अब और भी भ्रष्टाचार की भागीदारी बढ़ेगी। 

इनैलो नेता ने कहा कि चुनाव से पहले जे.जे.पी. नेता ने चंडीगढ़ में प्रैसवार्ता के दौरान कहा था कि भाजपा का खनन घोटाला राफेल घोटाले से भी बड़ा है और सरकार को इस बारे श्वेत-पत्र जारी करना चाहिए। अब वह भी सरकार में भागीदार है और अब उन्हें भी सब अच्छा दिखने लगा है और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनकी भी बोलती बंद हो गई है। प्रदेश में केवल अवैध खनन घोटाला ही नहीं, किसी विभाग की फाइल उठा लो सभी में एक से एक बड़ा घोटाला सामने आएगा। अब तो हर जुबान से यही कहावत चरितार्थ हो रही है कि ‘खनन घोटाले में लूट सके तो लूट, फिर पछताएगा जब महकमा जाएगा छूट’।
 

Isha