बिल्डर अनदेखी करे तो रोजाना लगाया जाए एक करोड़ जुर्माना : दुष्यंत चौटाला

1/17/2020 9:38:05 AM

गुडग़ांव (मार्कण्डेय) : महानगरीय जिंदगी की चकाचौंध लोगों को अपने घर-गांव से खीच लाती है वहीं लोग अब जलालत की जिंदगी जीने को मजबूर है। ऐसा ही मामला गुडग़ांव के सैक्टर-89 में ग्रीनोपोलिश प्रोजैक्ट को लेकर सामने आया है। इसमें करीब 1800 खरीदारों ने इतना ही करोड़ रुपया बिल्डर को सौंप दिया। दशकभर से अधिक समय बीत जाने के बाद भी खरीदारों को घर नहीं मिला। इसे लेकर सैंकड़ों खरीदारों ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात कर दर्द बयां किया।  

ग्रीनोपोलिस के खरीदारों की समस्या सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री ने आदेशित किया कि तत्काल ही प्रोजैक्ट का निर्माण कार्य शुरू किया जाए और 30 अप्रैल के पहले इसे पूरा कर लिया जाए। बिल्डरों से कहा है कि इसके निर्माण की रूप-रेखा आगामी 15 दिन के भीतर प्रस्तुत करें। यदि बिल्डर किसी प्रकार की अनदेखी करता है तो रोजाना के हिसाब से एक करोड़ रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।

1800 करोड़ रुपए से अधिक की रकम हजम कर चुके औरिस और थ्रीसी बिल्डर के ग्रीनोपोलिस प्रोजैक्ट को लेकर नियमों और हरेरा के आदेशों की अवहेलना को देखते हुए प्राधिकरण ने 111 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। नियमानुसार यह पूरे प्रोजैक्ट की कीमत का 10 फीसदी होता है। यह प्रोजैक्ट करीब दशक भर से अधर में लटका है। प्रोजैक्ट में 1862 खरीददार अपने आवासों की 90 फीसदी से अधिक रकम जमा करने के बाद भी दर-दर भटक रहे हैं।

एक ही पते पर 11 कम्पनियां रजिस्टर्ड
औरिस बिल्डर को जारी किए नोटिस में हरेरा ने लाइसैंस प्राप्तकर्ता अन्य 11 कम्पनियों को भी नोटिस जारी किया था। मजे की बात यह है कि यह सभी कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। उल्लेखनीय है कि ग्रीनोपोलिस प्रोजैक्ट को लेकर हरेरा ने 1650 आबंंटियों को गत वर्ष जनवरी माह में राहत प्रदान करने के लिए फैसला सुनाया था। प्रोजैक्ट को पूरा करने के लिए हरेरा ने बीच का रास्ता निकालते हुए उक्त दोनों बिल्डरों को 5-5 करोड़ के चैक कुल 120 करोड़ जमा करने को कहा था। जिसे प्रत्येक माह एस्करो खाते में जमा करना था। इस राशि से प्रोजैक्ट मॉनीटरिंग अधिकारी के देखरेख में प्रोजैक्ट का अधूरा कार्य पूरा करना था। किंतु प्राधिकरण के आदेशों की अवहेलना करके बिल्डरों ने खाते में न तो पैसा जमा करवाया न ही प्रोजैक्ट को पूरा करवाया।

 

Isha