''अगर हो जाए कोरोना तो हताश नहीं होना'', इनसे सीखिए कैसे चंद दिनों में जीती महामारी की जंग

4/26/2021 8:17:16 PM

करनाल (विकास मेहला): कोरोना वायरस के संक्रमण से कोविड-19 महामारी ने पूरे देश को चपेट में ले रखा है, जिसकी वजह से इसके कई मरीज मानसिक रूप से भी परेशान होते हैं और डिप्रेशन में चले जाते हैं। यहां तक कि कई मामलों में आत्महत्या या इसके प्रयास जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं। इन्हीं सब मामलों को मद्देनजर रखते हुए कुछ ऐसे लोग भी सामने आए हैं जो खुद इस महामारी की चपेट में आए और इसका डटकर मुकाबला किया। इन लोगों का प्रयास है कि जो लोग इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं, वह किसी प्रकार से हताश न हों, इसके लिए ये लोग खुद उनका मनोबल बढ़ाते हैं और कोविड-19 की बीमारी से कैसे लड़ा जाए इसके उपाए भी बताते हैं।

दरअसल, ये लोग हरियाणा के जिला करनाल के रहने वाले हैं, जिन्होंने कोरोना की जंग जीती है। इनके बीच पहुंची पंजाब केसरी की टीम ने करनाल के सेक्टर 13 में रहने वाले व्यापारी जगमोहन आनंद से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उन्हें पिछले वर्ष अगस्त में उस समय कोरोना हुआ था, जब इस महामारी ने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया था। 



उन्होंने बताया कि उनके साथ उनके पूरे परिवार और घर में काम करने वाली बाई को भी कोरोना हो गया था। लेकिन वह खुद और उनका पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी हताश नहीं हुए। परिवार के सभी लोग अलग-अलग कमरों में क्वारंटाइन रहे। हर रोज सुबह सभी परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग योग कर, गर्म पानी पीकर, स्टीम लेकर, स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का पालन करके घर पर रहकर ही इस महामारी की जंग को 21 दिन में जीत लिया।



आनंद और उनकी पत्नी रेखा ने उन मरीजों के मन में आशा की किरण जगाई है, जो कोरोना के संक्रमण से डिप्रेशन में आकर आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने की सोच रखने लगते हैं। रेखा-आनंद ने कहा कि जो लोग कोरोना होने के बाद डिप्रेशन में आकर ऐसा कदम उठा रहे हैं। उन लोगों को बिल्कुल भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए। कोरोना की जंग को घर रहकर कुछ सावधानियां रखकर भी जीता जा सकता है। रेखा ने बताया कि आज भी उनकी कई महिला मित्रों को कोरोना हुआ है, लेकिन वो रोजाना उन्हें फोन कॉल करके उनका हौसला बढ़ाती हैं।



ऐसे ही एक समाज सेवक प्रवेश गाबा व उनके परिवार ने भी कोरोना मरीजों में आशा की किरण जगाने के लिए अपना संदेश उन कोरोना मरीजों के नाम दिया जो मरीज कोरोना से डिप्रेशन आ जाते हैं। प्रवेश ने बताया कि वह खुद कोरोना पॉजिटिव हुए थे, लेकिन उन्होंने घर में रहकर ही कोरोना की जंग को 14 दिन में जीत लिया।
 

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Content Writer

Shivam