अवैध के साथ-साथ वैध खनन भी लगभग बंद, नहीं मिल रही भवन निर्माण सामग्री

12/23/2019 12:03:22 PM

यमुनानगर(त्यागी) : लगभग 3 सप्ताह से जिले के खनन क्षेत्र में पूरी तरह से खनन पर रोक लगी हुई है। हालांकि यह रोक कहने को तो अवैध खनन पर है लेकिन अधिकतर वैध खनन करने वालों ने भी खनन करनी बंद कर दी है। ऐसी स्थिति में शहर में हो रहे निर्माण कार्यों पर विराम लग गया है। चाहे सड़कों का निर्माण हो या निजी भवनों का हर कोई खनन बंद होने के कारण परेशान दिखाई दे रहा है। लोगों का कहना है कि खनन के बंद होने से उनके निर्माण कार्य तो चाहे चल रहे हैं लेकिन उन्हें भवन निर्माण सामग्री विशेष रूप से रेत व बजरी लगभग दोगुने दामों में खरीदनी पड़ रही है।

सरकारी कार्यों पर तो लगभग पूर्ण रूप से विराम लग चुका है और अधिकारियों का कहना है जब खनन ही नहीं हो रहा तो वे रेत बजरी कहां से लाएं और रेत बजरी के बिना काम कैसे करें। कुछ कार्य ऐसे हैं जो जरूरी हैं और वे अधूरे पड़े हैं और उन कार्यों को पूरा करने के लिए भी अधिकारियों के हाथ खड़े हैं। ऐसे में समस्या सभी के लिए बढ़ रही है। विधायक व मंत्री से जब इस बारे में संबंधित लोग मिले तो उनका भी यही कहना था कि अवैध खनन को किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा और कानून के दायरे में रह कर ही खनन होगी, वहीं दूसरी ओर वैध खनन करने वाले लोगों का कहना है कि पिछले 3 सप्ताह से एन.जी.टी. की टीम जिले में डेरा डाले हुए है और वैध खनन करने वालों को भी परेशान किया जा रहा है।

वैध खनन के ठेकेदारों व संचालकों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हालांकि इनके पास वैध खनन के ठेके हैं पर फिर भी इन लोगों को एन.जी.टी. की टीम द्वारा बेवजह परेशान किया जा रहा है। उनका कहना है कि यदि इनकी मशीनें व वाहन इनकी जगह से ही एक इंच भी इधर-उधर हो जाते हैं तो इसी बात पर उन्हें दंडित किया जाता है और एन.जी.टी. की टीम भारी भरकम जुर्माने लगा रही है। मिली जानकारी के अनुसार इस सब परिस्थितियों को देखते हुए वैध खनन करने वालों ने भी खनन कार्य बंद कर दिया है। इन लोगों का कहना है कि इन्हें भी परेशान किया जा रहा है। तमाम कागज पत्र पूरे होने के बावजूद कोई न कोई कमी निकालकर इन्हें परेशान किया जा रहा है।

इनका कहना है कि ऐसे में ये कोई रिस्क नहीं लेना चाहते क्योंकि इतनी तो कमाई नहीं होगी जितना भारी भरकम जुर्माना इन्हें देना पड़ जाएगा। कुल मिलाकर हालात खनन को लेकर खराब हैं और खनन करने वालों के साथ-साथ खनन से जुड़े हजारों लोग व भवन निर्माण करने वाले सरकारी व गैर सरकारी तंत्र भी भवन सामग्री न मिलने को लेकर परेशान है। 

नहीं मिल रही भवन निर्माण सामग्री
रेत-बजरी सप्लाई करने वाले संचालकों से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि खनन का काम लगभग ठप्प पड़ा है जिस कारण रेत बजरी मिलना मुश्किल हो गया है। उनका कहना था कि जो रेत-बजरी आ रहा है वह भी थोड़ा बहुत आ रहा है और उसके दाम भी आसमान को छू रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ लोगों ने तो बढ़ते दामों को देखते हुए निर्माण कार्य बंद कर दिए हैं और सरकारी विकास कार्य भी इसीलिए बंद हो गए हैं क्योंकि उन्हें निर्माण सामग्री नहीं मिल रही है।

उनका कहना था कि बढ़े हुए रेट के बारे में यदि किसी को बताते हैं तो उसे यकीन ही नहीं आता और ऐसे में उनकी भी परेशानियां बढ़ रही हैं और काम धंधे ठप्प हो रहे हैं। खनन बंद होने के कारण ज्यादातर स्टोन क्रशर भी इस वक्त बंद पड़े हैं। खनन ठेकेदारों द्वारा खनन बंद करने पर कच्चे माल की कमी हो गई है कच्चा माल न होने के कारण स्टोन क्रशर भी बंद होने की कगार पर है। जिन स्टोन क्रशर संचालकों के पास पुराना कच्चे माल का स्टॉक पड़ा है केवल वही इक्का-दुक्का स्टोन क्रशर ही चल रहे हैं बाकी स्टोन क्रशर बंद हुए पड़े हैं।

काम न होने की वजह से स्टोन क्रशरों पर लगी लेबर भी खाली व बेरोजगार हो चुकी है। उनके परिवार का चूल्हा-चौका भी बंद हो चुका है। कई स्टोन क्रशर मालिकों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कच्चा माल न मिलने की वजह से स्टोन क्रशरों का काम बिल्कुल ठप्प पड़ा है। जिन्होंने बैंक से लोन लेकर स्टोन क्रशर लगाए हैं वो सभी स्टोन क्रशर संचालक इस वक्त बैंक की मोटी किस्तें न भरने के कारण दीवालिया होने की कागार पर हैं। ज्यादातर स्टोन क्रशर इस वक्त धूल फांक रहे हैं और वहां काम करने वाले कर्मचारी व लेबर खाली व बेरोजगार बैठी है।

Edited By

vinod kumar