पुलिस बल के साथ 300 एकड़ जमीन से हटवाया अवैध कब्जा, खेतों में की गई जुताई(VIDEO)

12/24/2019 2:01:03 PM

गोहाना(अरोड़ा/सुनील): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश रंग लाया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी और भारी पुलिस बल के साथ पहुंचा प्रशासन सोमवार को सिरसाढ़ गांव से लगभग 300 एकड़ से अवैध कब्जे को शांतिपूर्वक हटाने में सफल रहा। इसके लिए खेतों में खड़ी फसलों की जुताई की गई। प्रारम्भ में ग्रामीणों ने विरोध भी किया। मकानों वाले अवैध कब्जों को फिलहाल छोड़ दिया गया तथा उन्हें ग्रामीणों द्वारा अब स्वयं गिराने के लिए पहले नोटिस दिए जाएंगे।



अफसरों के लिए सुकून रहा कि उनको बल को प्रयोग नहीं करना पड़ा। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि गोहाना के मुंडलाना विकास खंड और खानपुर कलां उप तहसील में शामिल गांव सिरसाढ़ की 384 एकड़ भूमि से अवैध कब्जे हटवाए जाएं। अवैध कब्जे वाली जमीन के बड़े हिस्से पर ग्रामीण लंबे समय से खेती कर रहे थे तथा वर्तमान में भी गेहूं और गन्ने की फसल खड़ी थी। आहुलाना स्थित चौ. देवीलाल सहकारी चीनी मिल ने सिरसाढ़ गांव के लिए विशेष व्यवस्था की जिसमें उन्हें अलग से पर्चियां देते हुए मौका दिया गया कि वे अपना गन्ना काट कर मिल में पहुंचा दें।

 इस अवसर का गन्ना उत्पादकों ने भरपूर फायदा भी उठाया। यह पहले से तय लग रहा था कि गेहूं के खेतों से अवैध कब्जे दूर करवाने के लिए उनकी ट्रैक्टरों से जुताई ही करवानी पड़ेगी। सिरसाढ़ गांव में अवैध कब्जे हटवाने के दौरान शांति बने रहे, इसके लिए प्रशासन ने हर एहतियातन कदम पहले ही उठा लिया था जिसमें सिरसाढ़ के साथ चिड़ाना और मुंडलाना गांवों में भी धारा 144 लगा दी गई थी तथा लाइसैंसी हथियारों को जमा करवा लिया गया था। अवैध कब्जे हटवाए कब जाएंगे, इसकी तारीख की भनक किसी को नहीं लगने दी गई तथा इसे अंतिम समय तक पूर्ण गुप्त रखा गया।



सोमवार की तड़के सोनीपत के डी.सी. डा. अंशज सिंह और एस.पी. अशोक कुमार पूरी तैयारी के साथ सिरसाढ़ गांव में पहुंच गए। उनके साथ गोहाना के एस.डी.एम. आशीष वशिष्ठï और ए.एस.पी. उदय सिंह मीणा समेत बड़ी संख्या में अधिकारी थे। पुलिस अपने साथ वज्र और वरुण वाहनों के साथ आंसू गैस के गोले छोडऩे, पानी की बौछार करने सहित हर मुमकिन इंतजाम करते हुए पहुंची। गोहाना-पानीपत मार्ग पर 4 नाके लगाने के साथ पूरे सिरसाढ़ को पुलिस छावनी में बदल दिया गया। 

रोहतक रेंज में शामिल सोनीपत, रोहतक, झच्चर, चरखीदादरी और भिवानी जिलों की पुलिस के 1860 पुलिस कर्मचारी बुलाए गए। इनमें 400 के करीब महिला पुलिस कर्मचारी भी थीं। पुलिस की अपनी बसों के साथ रोडवेज की 20 बसें, 25 ट्रैक्टर और 2 जे.सी.बी. भी सरकारी अमले का हिस्सा थीं। प्रारम्भ में ग्रामीणों ने अवैध कब्जे हटवाने का विरोध भी किया। पर अधिकारियों ने एक नहीं सुनी। शुरूआत खेतों से की गई। अवैध कब्जों की जानकारी देते हुए पटवारी आगे-आगे चल रहे थे। उनके पीछे-पीछे भारी पुलिस बल के साथ खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर चल रहे थे।



गन्ने के ज्यादातर खेत खाली थे तो गेहूं के खेतों में जुताई से कब्जा लेना पड़ा। कब्जे छूटते ही साथ की साथ जमीन पर झंडी गाड़ी जाती रही।पूरी प्रक्रिया में कहीं भी ग्रामीण कोई बाधा नहीं पहुंचा सके। प्रशासन ने केवल उसी जमीन को छोड़ा जो सार्वजनिक रास्तों और निर्माणों के थे। इसके साथ मकानों को भी नहीं छेड़ा। अवैध कब्जे वाले मकानों को एक मौका दिया जाएगा। इस में अवैध कब्जे करने वाले ग्रामीणों को खुद अपने निर्माण ध्वस्त करने होंगे। कुल 384 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे थे जिनमें से लगभग 300 एकड़ जमीन को एक ही दिन में मुक्त करवा लिया गया।    

Edited By

vinod kumar