हरियाणा में कोरोनिल किट बांटेने का IMA ने किया विरोध, बोले- ये दुर्भाग्यपूर्ण फैसला

5/25/2021 11:34:50 AM

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार कोरोना मरीजों के बीच 1 लाख कोरोनिल किट बांटेगी। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज  ने एक ट्वीट के जरिये सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है। मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि पतंजलि की कोरोनिल किट मुफ्त बांटी जाएगी, जिसका आधा खर्च कंपनी और आधा राज्य सरकार वहन करेगी। डॉक्टरों के खिलाफ बाबा रामदेव के विवादित बयान, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन की चिट्ठी और फिर योगगुरु के IMA व दवा कंपनियों से सवाल पूछने की खबरों के बीच इस खबर से सियासत गर्माने के संकेत हैं ।

कल किया गया था इस संबंध में ट्वीट
हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है, 'हरियाणा में कोविड मरीजों के बीच एक लाख पतंजलि की कोरोनिल किट मुफ्त बांटी जाएंगी। कोरोनिल का आधा खर्च पतंजलि ने और आधा हरियाणा सरकार के कोविड राहत कोष ने वहन किया है। बता दें कि बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ ने कोरोनिल किट कोरोना महामारी से बचाव की दवा के तौर पर लॉन्च की थी, लेकिन इस पर विवाद के बाद पतंजलि की तरफ से कहा गया था कि यह इम्युनिटी बूस्टर है, यानी यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।




आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष करण पुनिया ने बताया कि आईएमए और आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टर हरियाणा सरकार के पतंजलि के कोरोनिल किट के रूप में जानी जाने वाली प्लेसबो (बिना किसी औषधीय लाभ की दवा) खरीदने के फैसले से दुखी हैं। यह सरकारी कोविड राहत कोष की कुल बर्बादी है। उन्होंने कहा कि यह मृत्यु दर में वृद्धि करने जा रहा है। अकेले कोरोनिल किट के आधार पर, एक मरीज अस्पताल में रिपोर्ट करने में देरी करेगा। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। कोरोनिल को भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोरोनावायरस उपचार के लिए अनुमोदित नहीं किया गया है। इसके बजाय, सरकार को बाबा रामदेव को उपकृत करने के लिए धन दान करना चाहिए था।



रामदेव ने दावा किया था कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’  
बताते चलें कि बाबा रामदेव के एक बयान को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) काफी नाराज चल रहा है। आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए शनिवार को कहा था कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं।



इसी बीच एक टीवी डिबेट के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि वो मेरा बयान नहीं था, सिर्फ हर्षवर्धन का आदर करते हुए वो बयान वापस ले लिया था। हालांकि टीवी डिबेट में बाबा रामदेव सफाई देते हुए भी कोरोनिल का प्रचार कर गए। बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने कभी भी डॉक्टरों के योगदान को नहीं नकारा है।

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Content Writer

Isha