दुष्कर्मी को 10 साल कैद, साक्ष्यों के अभाव में 2 आरोपी बरी

3/27/2019 3:22:53 PM

पानीपत (संजीव): एक किशोरी को डरा-धमकाकर दुष्कर्म करने के दोषी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शशि बाला चौहान की अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। दोषी को 1 लाख 52 हजार रुपए जुर्माना भी भरने के आदेश दिए हैं। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को 1 साल अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। दोषी द्वारा जुर्माना भरने पर डेढ़ लाख रुपए की राशि पीड़िता को दी जाएगी। वहीं, इसी मामले में दो अन्य आरोपियों को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत द्वारा मंगलवार को दोषी के खिलाफ अपना फैसला सुनाया है।

13 साल की किशोरी के पिता ने थाना इसराना पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई थी कि 7 जून, 2016 से उसकी बेटी रात को 3 बजे अचानक घर से लापता हो गई है। बेटी के लापता होने के करीब एक घंटे के बाद उसके मोबाइल पर एक फोन आया जो उसके द्वारा काल रिसीव करते हुए दूसरी ओर से फोन काट दिया गया। थाना इसराना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करते हुए किशोरी की तलाश शुरू कर दी। जांच दौरान मिले सुराग के आधार पर 8 जून को पुलिस ने किशोरी को गांव ब्राह्मण माजरा में राहुल नामक युवक के घर से बरामद कर लिया था।

पूछताछ में किशोरी ने खुलासा किया था कि राहुल व उसके दो दोस्तों विक्की व राकेश ने उसे डरा धमका कर अपने घर बुला लिया था। जहां पर उनके द्वारा उसके साथ मारपीट करते हुए दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

हालांकि पुलिस ने 3 माह तक की जांच में विक्की तथा राकेश को निर्दोष पाया तथा राहुल के खिलाफ 1 सितम्बर को कोर्ट में चालान पेश कर दिया। पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट परिजनों ने कोर्ट से आग्रह किया कि तीनों को आरोपी बनाते हुए उन पर मामला चलाया जाए। जिसके आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ केस चलाया गया।

केस की सुनवाई के दौरान पीड़ित किशोरी ने उसके साथ दुष्कर्म होने में विक्की व राकेश का हाथ होने से साफ तौर पर इंकार कर दिया तथा केवल राहुल के खिलाफ ही गवाही दी। केस के दौरान पुलिस व अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों व गवाहों के आधार पर अदालत ने सोमवार को राहुल को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Shivam