हर सीएलपी मीटिंग में आवाज उठती थी कि काली भेड़ का पता लगना चाहिए  : नीरज शर्मा

7/24/2022 3:56:10 PM

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किरण चौधरी का वोट ही रद्द होने के संकेत दिए थे, कांग्रेस राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन के बयान ने हुड्डा के संकेत पर मोहर लगा दी। अब इस विषय को लेकर लगातार राजनीति गरमाई हुई है। एक और जहां विपक्ष इस मुद्दे को लेकर चटकारिया ले रहा है, वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी की भूमिका को लेकर कांग्रेसी विधायक पूरी तरह से मायूस नजर आ रहे हैं। इस विषय को लेकर फरीदाबाद एनआईटी से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने इस सारे प्रकरण को लेकर कांग्रेस प्रभारी की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

शर्मा का कहना है कि हर सीएलपी मीटिंग में आवाज उठती थी कि काली भेड़ का पता लगना चाहिए और माकन के इस बयान के बाद कुछ नहीं रह जाता। लेकिन दीपेंद्र हुड्डा, माकन या किरण चौधरी द्वारा कुछ कहना पार्टी के लिए अच्छा नहीं है। हमारे कांग्रेस प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल पोलिंग एजेंट थे, चुनाव से जुड़ी हर चीज को बड़ी गहराई से देख रहे थे। उन्हें पहले दिन से पता था कि किसका वोट रद्द हुआ है। उन्हें उसी दिन शाम तक खुलासा करना चाहिए। सभी 29 विधायकों ने घर, परिवार और जनता को छोड़ने का 10 दिन तक त्याग किया। बंसल पार्टी के एक बड़े नेता हैं। लेकिन उनकी भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। शर्मा ने कहा कि यह सारा मामला बंसल की लापरवाही से हुआ या फिर उन्होंने जानबूझकर किया या किसी के प्रेशर में किया या किसी अदृश्य शक्ति ने आकर उस लकीर को टिक मार्क किया, यह सच्चाई बंसल ही स्पष्ट कर पाएंगे। शर्मा ने कहा कि हालांकि उन्होंने वोट रद्द की विस्तृत रिपोर्ट हाईकमान को भेजने की भी बात कही थी, उन्होंने उस रिपोर्ट में नाम दिया था या नहीं यह भी वही बता पाएंगे।

 

हरियाणा के 5 विधायकों को जान से मारने की धमकी के डर से विधायक सुरेंद्र सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया। इस मामले में विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि इस दौरान वह 3 घंटे तक सुरेंद्र सिंह के साथ रहे। उनकी मानसिक स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी। लेकिन वह दिल के बेहद मजबूत हैं। उनकी जगह कोई कमजोर दिल का विधायक होता तो स्थिति पता नहीं क्या होती। पता नहीं वह क्या कदम उठा लेता। शर्मा ने कहा कि 10 दिन तक जब विधायक घर में बंद हो जाए, जनता उन्हें मिल ना सके, परिवार के सदस्य बाहर न जा पाएं, बच्चे स्कूल ना जा पाए तो आखिर ऐसी विधायकी का क्या फायदा। विधायक ने आखिर ऐसा क्या गुनाह किया है। शर्मा ने कहा कि सरकार मात्र लीपापोती का काम कर रही है। किसी भी प्रकार का - किसी भी मामले में सख्त संदेश नहीं छोड़ पा रही। घटना नहीं रोकी जा सकती। लेकिन उसके बाद सरकार ने क्या एक्शन लिया, प्रश्न यह उठता है।

यह सरकार एक्शन के नाम पर जीरो है। शर्मा ने बताया कि विधायक सुरेंद्र सिंह इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि ऐसी विधायकी का क्या करूं, जब बच्चे पूछते हैं कि हमारा क्या गुनाह है। लेकिन सभी साथियों और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें समझाया कि जनता ने तुम्हें मौका दिया है और जनता की बिना मर्जी के यह फैसला नहीं लेना। आज विधायक हो, सभी साथ खड़े हैं। अगर विधायक नहीं रहे तो फिर क्या स्थिति बन जाएगी। शर्मा ने कहा कि आज हरियाणा का आम जनमानस सुरक्षित नहीं है। गुरुग्राम- फरीदाबाद का सर्वे करें कितने व्यापारियों से रंगदारी- चौथ वसूली जा रही है। गुड़गांव में माननीय कोर्ट ने टिप्पणी की कि कैसे अधिकारी सरकार ने लगाए हैं। पुलिस वाले पैसे छीन रहे हैं। मैंने विधानसभा सत्र में 234 करोड रुपए का मुद्दा उठाया। सीबीआई की जांच मांगी। हाई कोर्ट सिटिंग जज से जांच की मांग की। आज रक्षक ही भक्षक बने हुए हैं। नीरज शर्मा ने मानसून सत्र को लेकर विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता से अपील की है कि फिलहाल तक सभी विधायक पूरी तरह से हाईटेक नहीं हो पाए हैं, इसलिए इस बार सेशन में हाईटेक के साथ-साथ पुरानी पद्धति को भी चालू रखें।


 

Content Writer

Isha