झज्जर में लगातार लिंगानुपात में हो रहा है सुधार, देखिए आंकड़े
8/31/2019 6:03:39 PM
झज्जर (प्रवीण धनखड़): गिरते लिंगानुपात के मामले में कभी देश भर में चर्चित रहने वाले झज्जर जिले का लिंगानुपात भी अब साल दर साल सुधरता जा रहा है। अच्छी खबर यह है की झज्जर जिले का लिंगानुपात 2018 में 878 था। जो 2019 के जुलाई महा में बढ़कर 895 हो चुका है। इस साल जिले का लिंंगानुपात 900 के भी पार होने की उम्मीद है। हम आपको बता दें कि वर्ष 2013 में झज्जर जिले का अनुपात हजार बेटों के मुकाबले सिर्फ 755 बेटियों का रह गया था। लेकिन साल दर साल इसमें सबसे ज्यादा सुधार होता गया।
वर्ष 2017 में इस दशक का सबसे ज्यादा लिंगानुपात 920 दर्ज किया गया। हालांकि वर्ष 2018 में यह घटकर 878 हो गया था लेकिन वर्ष 2019 के जुलाई माह तक यह एक बार फिर सेे बढ़ गया है। जुलाई महीने तक की अगर बात करें तो यह आंकड़ा 895 दर्ज किया गया है। इस साल यह आंकड़ा 900 से भी पार होने की उम्मीद बनी हुई है। झज्जर जिले के सीएमओ डॉ आर.एस. पुनिया का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ए.एन.एम,, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्करों ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया है। नुक्कड़ नाटक, पौधारोपण, बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन, बेटियों को जन्म देने वाली माताओं को सम्मानित करना, घर पर नेम प्लेट लगाकर प्रोत्साहित करना और जागरूकता लाने का काम किया गया है।
इतना ही नहीं पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों मैं भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया है। इसी का नतीजा है कि झज्जर जिले का लिंगानुपात अब एक बार फिर से बढ़ने लगा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पीएनडीटी एक्ट कठोरता से लागू करवाने और एमटीपी के जरिए लिंग जांच करने वालों की धरपकड़ के लिए भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में बहादुरगढ़ में भी एक अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भ में लिंग जांच का खुलासा हुआ था। जिसके दोषियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से रंगे हाथों पकड़ा गया और उन्हें जेल भेज दिया गया।
इस दशक के झज्जर जिले के लिंगानुपात के आंकड़े इस प्रकार हैं।
वर्ष लिंगानुपात
2019 | 895 |
2018 | 878 |
2017 | 920 |
2016 | 885 |
2015 | 849 |
2014 | 825 |
2013 | 755 |
2012 | 779 |
2011 | 815 |
2010 | 802 |