किसानों के समर्थन में पूर्व विधायक प्रो. रामभगत शर्मा ने दिया इस्तीफा

12/6/2020 11:27:47 AM

नारनौंद/बास(श्यामसुन्दर/पंकेस): मैं पहले एक किसान हूं, बाद में राजनेता। सरकार से अपील है कि किसानों की मांगें मान ले। अब मैं किसानों के समर्थन में उनके आंदोलन का हिस्सा बनूंगा, क्योंकि उनकी बदौलत ही यहां तक पहुंचा हूं। ई-मेल के माध्यम से मैंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष औमप्रकाश धनखड़ को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। रविवार को अपने कार्यकर्त्ताओं सहित दिल्ली के टिकरी बार्डर पर आंदोलन को मजबूत करने जा रहा हूं। उक्त शब्द नारनौंद से पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता प्रो. रामभगत शर्मा ने गांव मसूदपुर में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहे। इससे पहले उन्होंने छोटूराम राम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि दी।

पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार ने शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों पर अत्याचार किया है। देश के अन्नदाता आज दिल्ली के चारों तरफ खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठंड में महिलाओं व बच्चों सहित सड़कों पर बैठे हुए हैं। केंद्र सरकार ने जो 3 कानून किसानों पर जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं। वो किसानों के हित में नहीं है। किसानों की कोई भी फसल एम.एस.पी. पर नहीं बिक रही है। कभी सरकार कहती है आंदोलन विपक्षी पार्टियों द्वारा प्रायोजित है तो कभी किसान खालिस्तानी बताए जाते हैं। पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु किसानों के मुद्दे पर चुप हैं। उन्हें किसानों की आवाज को उठाना चाहिए।

वह भी किसानों की बदौलत ही विधानसभा में पहुंचे थे। उन्होंने विधायक रामकुमार गौतम को भी नसीहत दी कि उनकी चुप्पी ठीक नहीं है। मंत्री बनने की लालसा पूरी नहीं होने पर दुष्यंत चौटाला के खिलाफ तो बहुत बयानबाजी की, लेकिन अब किसानों के मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं हैं। इस दौरान उनके साथ पूर्व सरपंच महाबीर सिंह, सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप दलाल, कल्लू पहलवान, महेंद्र सैनी, रामफल जांगड़ा, प्रकाश चंद्र, बिजेन्द्र, विक्रम माजरा, प्रदीप चहल, छत्रपाल, सोमवीर व सत्यवान डाटा सहित कई कार्यकर्त्ता मौजूद थे।

 

Isha