विस चुनावों में जाट चेहरे को लेकर भाजपा ऊहा-पोह में विस चुनावों में जाट चेहरे को लेकर भाजपा ऊहा-पोह में

6/10/2019 12:38:28 PM

जींद (जसमेर ): हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ दल भाजपा प्रदेश में अपने जाट चेहरे को लेकर लोकसभा चुनावों के बाद ऊहा-पोह की स्थिति में है। 2014 में भाजपा का बड़ा जाट चेहरा बने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को रिप्लेस करने के लिए भाजपा के कई नेता लाइन में हैं। भाजपा को विधानसभा चुनावों में जाट वोट बैंक को लेकर चुनौती कांग्रेस में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और जेजेपी में पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला से मिलने जा रही है। 

लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर शानदार जीत हासिल की है। उस पर लोकसभा चुनावों जैसा प्रदर्शन अब अक्तूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों में दोहराने का दबाव है। लोकसभा चुनावों में प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा ने जाट वोट बैंक में काफी सेंध लगाई थी। अब विधानसभा चुनाव भाजपा को सीएम मनोहर लाल के नाम पर लडऩे होंगे और इन चुनावों में लोकसभा चुनावों जैसे प्रदर्शन के लिए भाजपा को जाट वोट बैंक को हर हालत में साधना ही होगा। जाट वोट बैंक को लोकसभा चुनावों की तरह साधे बिना भाजपा लोकसभा चुनावों वाले प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाएगी। विधानसभा चुनावों में जाट वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा को बड़े जाट चेहरे की जरूरत होगी और अब उस जाट चेहरे को लेकर भाजपा में ऊहा-पोह की स्थिति बन गई है।

यह स्थिति लोकसभा चुनावों के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह को मोदी कैबिनेट में स्थान नहीं मिल पाने के कारण बनी है। अपने बेटे को मोदी कैबिनेट में स्थान दिलवाने में नाकाम रहने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सबसे बड़े जाट नेता बीरेंद्र सिंह ने जिस तरह हरियाणा में कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार को कटहरे में खड़ा किया है, उससे साफ है कि अब बीरेंद्र सिंह भाजपा नेतृत्व पर दबाव बना रहे हंै। राजनीति के बड़े खिलाड़ी बीरेंद्र सिंह जानते हैं कि जाट वोट बैंक को भाजपा नहीं साध पाई तो विधानसभा चुनावों में भाजपा की डगर उतनी आसान नहीं रह जाएगी, जितनी लोकसभा चुनावों में रही। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के अपनी ही पार्टी की रा’य सरकार के प्रति इस तरह के आक्रामक रवैये के बाद अब खुद भाजपा नेतृत्व प्रदेश में जाट चेहरे को लेकर ऊहा-पोह की स्थिति में है। 

अब बदले राजनीतिक हालात में बीरेंद्र सिंह को भाजपा के जाट चेहरे से रिप्लेस करने के लिए भाजपा के कई बड़े जाट नेता लाइन में हैं। इनमें सबसे ऊपर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम है। कैप्टन अभिमन्यु रोहतक से भाजपा टिकट पर लोकसभा के कई चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने रोहतक में भूपेंद्र हुड्डा को चुनौती दी। रोहतक में कैप्टन अभिमन्यु का निवास है। वह हिसार के नारनौंद विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। जाट समुदाय में कैप्टन अभिमन्यु की अ‘छी पकड़ है। उनके अलावा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी प्रदेश में भाजपा के जाट नेता के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का विकल्प भाजपा के लिए बन सकते हैं। इसमें दिक्कत यह है कि हालिया लोकसभा चुनावों में वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के निर्वाचन क्षेत्र नारनौंद में भाजपा के बृजेंद्र को जेजेपी के दुष्यंत चौटाला के हाथों हार मिली है। पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के विधानसभा क्षेत्र बादली में भी भाजपा हारी है और कांग्रेस को लीड मिली है। खुद बीरेंद्र सिंह के अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र उचाना कलां में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह मुश्किल से 9 हजार मतों की लीड दुष्यंत चौटाला पर ले पाए। इन हालात में भाजपा नेतृत्व के लिए विधानसभा चुनावों में अपने लिए जाट चेहरा तय करना उतना आसान नजर नहीं आ रहा। 
 

Naveen Dalal