चुनावी माहौल में ‘चौकीदार’ शब्द बना चर्चा विषय (VIDEO)

3/19/2019 12:46:11 PM

करनाल (केसीआर्य): देश में चौकीदार शब्द चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का कहना है कि वह देश के चौकीदार हैं और चौकीदारी के तरह काम करते है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस समेत विपक्षी राजनितिक पार्टियों का कहना है कि चौकीदार चोर है। विपक्ष भाजपा पर निशाना साधते हुए चौकीदार चोर के नारे लगा रहे हैं तो वही सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने ‘मैं भी चोकीदार’ हूं और इस कड़ी में कर नेता नाम के आगे चौकीदार लिख रहा है।



लेकिन चुनावी माहौल से ऊपर उठ कर अगर देखा जाए तो चौकीदारी करने वाले चौकीदारों का दर्द हकीकत में कुछ ओर ही बयां करता है। सीएम सिटी करनाल के चौकीदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके परिवार व उनके बच्चो की जरूरत उनके सुख-चैन नींद से ज्यादा मायने रखती है। रात भर 12 घंटे से ज्यादा जागकर चोकिदारी करने के बावजूद भी इन्हें ना ही इज्जत मिलती है ओर ना ही मान- सम्मान मिलता है। इन सबके बावजूद अगर कहीं कोई चोर आगया या फिर कुछ इनसे गलती हो जाए तो मालिक की गालिया सुनना इनके लिए लाजमी है। कुछ दुसरे प्रदेश के है तो कुछ गरीबी के चलते घर के गुजारे के लिए यह काम करने को मजबूर है।



राम बहादुर का कहना है की 20 साल से ज्यादा समय से नेहरु पेलस एरिया में चोकिदारी कर रहा है। नेपाल में 4 बच्चे पूरा परिवार रहता है वहां रोजगार नहीं था तो यहां आ गया लेकिन यहां आकर काम तो मिला लेकिन इज्जत नहीं मिली सारी- सारी रात जागना पड़ता है मच्छरों में बैठने पड़ता है मौसम जैसा भी हो ड्यूटी देनी पड़ती है। लेकिन उसके बावजूद भी पैसे पुरे नहीं मिलते मार्किट में कुछ दुकान वाले पैसे देते तो कुछ नहीं देते गलती किसी और की हो तो भी सुनने को उन्हें मिलता है।



वहीं कृष्ण बहादुर का कहना है 15 साल से ज्यादा चौकीदारी करते हुए हो गए है वह नेहरु मार्किट के एरिया में पहरा देते है गाँव से आया था ताकि पैसे कमाकर अपने बच्चो का पेट पाल सकें लेकिन पैसों तो मिल जाते है कुछ लेकिन इज्जत नहीं मिलती सारी रात जागकर काम करना ध्यान रखना अपने इलाके का घंटे बाद चक्कर काटना नींद आए तो बच्चो की भूख उनकी जरूरत के बारे में सोच लेना यह सब हमारा काम है लेकिन वहीं नेता की बात करे तो उन्हें अपने आप से मतलब है सिर्फ, कोई चौकीदार नहीं है असली चोकीदार तो वह हैं जो अपनी नींद को त्याग कर काम कर रहे है ना ठंड ना गर्मी का पता मच्छर के बीच बैठकर ड्यूटी देते हैं।

Deepak Paul