पंजाब के फैसले से हरियाणा में कर्ज माफी का बढ़ा दबाव

6/21/2017 8:26:55 AM

चंडीगढ़ (बंसल/ पांडेय):पंजाब में किसानों के कर्ज माफी फैसले के बाद अब हरियाणा की खट्टर सरकार पर भी कर्ज माफी का दबाव बढ़ने लगा है। हालांकि हरियाणा सरकार अभी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है, लेकिन 30 जून को सरकार ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को चंडीगढ़ में बातचीत के लिए बुलाया है। बैठक में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कृषि मंत्री ओ.पी. धनखड़ मौजूद होंगे। वहीं पिछले दिनों हुई मंत्री समूह की बैठक में भी किसानों की समस्याओं पर चर्चा हुई थी, जिसमें किसानों की कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए चल रहे आंदोलन पर चर्चा की गई। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी हरियाणा में किसानों की कर्ज माफी की चर्चाओं को सिरे से नकारा। उन्होंने कहा कि पंजाब कुछ भी करे, उससे हरियाणा को क्या लेना-देना है। हरियाणा में किसानों की स्थिति बिल्कुल अलग है और अभी तक सरकार में ऐसी किसी बात पर चर्चा नहीं हुई है।

कर्ज माफी किसी समस्या का समाधान नहीं 
उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने बताया कि फिलहाल किसानों के कर्ज माफ करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। कर्जमाफी किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हर प्रदेश की अलग-अलग स्थिति होती है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों की स्थिति में काफी अंतर है। गोयल ने कहा कि हरियाणा में किसान खुशहाल हैं और सरकार ने जीरो फीसदी पर कर्ज उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की है। उन्होंने किसानों के धरने प्रदर्शनों को राजनीतिक पार्टियों की देन बताते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि यह जरूरी नहीं है कि पंजाब के आधार पर हरियाणा भी किसानों का कर्ज माफ करे। वैसे तमाम तरह की स्थितियों पर बातचीत के लिए मुख्यमंत्री ने सभी किसान संगठनों को चंडीगढ़ बुला लिया है।