सभी निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री और सरकार के साथ : नैनपाल रावत

12/17/2020 12:01:24 PM

चंडीगढ़ (धरणी) : जननायक जनता पार्टी और निर्दलीय विधायकों की बैसाखी पर खड़ी इस सरकार पर किसान आंदोलन के कारण खतरे के बादल नजर आ रहे हैं। एक और जहां विपक्ष जननायक जनता पार्टी पर आए दिन विवादास्पद बयान दे रहा है और समर्थन वापस लेने का दबाव बना रहा है। वहीं निर्दलीय विधायकों की बैठकों से भी अफवाहों का बाजार आए दिन गरम हो रहा है। सरकार भी समर्थन देने वाले विधायकों पर पैनी नजर बनाए हैं। पंचकूला में 6 विधायकों जिसमें सरकार से समर्थन वापस लेने वाले विधायक सोमवीर सांगवान भी मौजूद थे की मीटिंग हुई। जिसके बाद इनमें से चार विधायक मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। उनका क्या एजेंडा था? क्या उन पर किसानों का दबाव है या फिर वह मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने पहुंचे थे? इन बातों को लेकर पंजाब केसरी ने पृथला के विधायक नैनपाल पाल रावत से विशेष मुलाकात की।जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

प्रश्न : पंचकूला में छह निर्दलीय विधायकों की मीटिंग का एजेंडा क्या था?

उत्तर : रणधीर घोलन जी के यहां हमारा लंच का प्रोग्राम था। छह विधायक वहां पर मौजूद रहे। अब हम मुख्यमंत्री महोदय से मिलने के लिए आए हैं। मेरे साथ तीन और विधायक राकेश धोलताबाजी, रणधीर घोलन, और धर्मपाल गोंदर जी भी आए हैं। एक शिष्टाचार मुलाकात मुख्यमंत्री जी के साथ हुई है और किसानों के आंदोलन को आज जल्द समाधान निकले इस पर बात हुई है। यह केंद्र का मसला है और केंद्र से ही इस मामले का निवारण होगा। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और अन्य केंद्रीय मंत्री इस मामले पर खास फोकस बनाए हुए हैं। जल्द ही इसका समाधान निकल जाएगा।

प्रश्न : 6 में से 4 ही विधायक यहां पहुंचे हैं। बाकी 2 के न आने का क्या कारण है?
उत्तर : सोमवीर सांगवान जी और ज.ज.पा. के विधायक जोगी राम सिहाग जी भी हमारे साथ सुबह मीटिंग में थे। पहले इकट्ठे होने की कोई भूमिका नहीं बनाई गई थी। अचानक लंच का प्रोग्राम बना और इकट्ठे हुए तो किसानों के मुद्दे पर भी बातचीत हुई।सोमवीर सांगवान जी पहले से ही किसानों के साथ खड़े हैं और उनका कोई प्रोग्राम था। वह वहां पर चले गए।

प्रश्न : क्या कृषि कानूनों को लेकर आप लोगों पर भी किसानों का कोई दबाव है?
उत्तर : मेरा विधानसभा क्षेत्र पूर्ण तौर पर लोकल ग्रामीण क्षेत्र है, किसान बहुल क्षेत्र है। लेकिन मेरे यहां से न किसान और न ही अन्य वर्ग किसान आंदोलन के समर्थन में पहुंचा। पलवल-फरीदाबाद से 50-100 बेशक आए होंगे। मुझ पर कानून को चेंज करवाने जैसा कोई दबाव नहीं है। किसान समझदार है। उन्हें पता है कि अध्यादेश केंद्र द्वारा लाए गए हैं और वहीं से कुछ बदलाव किया जा सकता है। यह आंदोलन पंजाब से शुरू हुआ था। मैं समझता हूं कि वहां कि सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और दूसरा विपक्ष इसे तूल देने में लगे हुए है। उसी के द्वारा यह प्रायोजित एजेंडा है और अगर पंजाब को किसान की इतनी ही चिंता है तो एस.वाई.एल. का हरियाणा के हिस्से का पानी छोड़ना चाहिए। क्योंकि अगर पंजाब में किसान रहता है तो क्या हरियाणा में नहीं रहता। मैं मानता हूं कृषि कानूनों में अगर कोई खामी है तो निश्चित तौर पर ही केंद्र सरकार इसमें बदलाव लाएगी।
 
प्रश्न : क्या निर्दलीय विधायकों आंदोलन लंबा होने को लेकर भी मंथन हुआ?
उत्तर : निश्चित तौर पर हुआ। हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि 20 दिन इस मामले को हो गए हैं और चाहे किसी का षड्यंत्र है या किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। जो भी है निष्कर्ष निकलना चाहिए।

प्रश्न : मुख्यमंत्री जी से मुलाकात हुई है। उन्होंने क्या आश्वासन दिया?
उत्तर : माननीय मुख्यमंत्री किसान, मजदूर, व्यापारी हर वर्ग के साथ हैं। हर वर्ग का कल्याण करते हैं। वह भी इस मामले को लेकर बेहद चिंतित है और उन्होंने कहा है कि मोदी जी और केंद्रीय सरकार इसे सुलझाने में लगे हुए हैं।

प्रश्न : इस निर्दलीय विधायकों की मीटिंग में क्या रंजीत चौटाला नहीं थे?
उत्तर : नहीं, रंजीत जी नहीं थे। यह प्रोग्राम एकदम बना था और हम सभी विधायक साथ-साथ विधानसभा से हैं। तो तुरंत ही लंच का प्रोग्राम बना लिया।

प्रश्न : क्या भविष्य में कुछ इस प्रकार की मीटिंग या चर्चा होनी तय हुई है?
उत्तर : नहीं, भविष्य में किसी प्रकार की मीटिंग नहीं होनी और हम आम तौर पर अमूमन मिलते रहते हैं।  हम सभी विधायक मुख्यमंत्री और सरकार के साथ हैं और निश्चित तौर पर यह सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

Manisha rana