एशियन चैंपियनशिप: हरियाणा की पहलवान बेटियों के सहारे भारत ने रचा इतिहास

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2020 - 04:36 PM (IST)

साेनीपत: हरियाणा की बेटियों की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है, जो एशियन चैंपियनशिप में दिखाई दी। हरियाणा की इन बेटियों के सहारे भारत ने एशियन चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया और एशियन चैंपियनशिप में भारत ने 41 साल में पहली बार सबसे ज्यादा 8 मेडल जीते हैं।

जिससे महिला वर्ग में भारत दूसरे स्थान पर पहुंचा। इस उपलब्धि में हरियाणा की बेटियों साक्षी, विनेश, सरिता, पिंकी, निर्मला समेत छह बेटियों का अहम योगदान रहा है और इन सभी छह बेटियों ने मेडल जीते हैं। जिस तरह से पहलवान बेटियों ने एशियन चैंपियनशिप में दांव दिखाए हैं, उससे हर कोई काफी उत्साहित है और महिला कुश्ती से आगे भी इस तरह ही बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद लगाई जा रही है।

एशियन चैंपियनशिप में जहां पहले महिला पहलवान मेडल के लिए तरसती थीं और उनको एक-एक मेडल के लिए जूझना पड़ता था। वहीं 2012 के आसपास तक भी भारतीय महिला पहलवान 2 मेडलों तक सिमटी रहती थीं और महिला पहलवानों ने 2013 में पहली बार 5 मेडल भारत की झोली में डाले थे। उसमें भी महिला पहलवान गोल्ड मेडल के लिए जूझते हुए दिखाई देती थीं और उनको गोल्ड नहीं मिल पाता था।

भारत की महिला पहलवानों ने एशियन चैंपियनशिप 2016 में सबसे ज्यादा 6 मेडल जीते थे और उनमें भी कोई गोल्ड नहीं था। लेकिन इस बार एशियन चैंपियनशिप में महिला पहलवानों ने कई रिकार्ड तोड़ दिए हैं, जिन्होंने अभी तक के सबसे ज्यादा 8 मेडल देश की झोली में डाले हैं। इनमें जहां हरियाणा की निर्मला ने सिल्वर, विनेश ने ब्रांज, पिंकी ने गोल्ड, अंशु ने ब्रांज, सरिता ने गोल्ड, साक्षी ने सिल्वर जीता है, जबकि यूपी की दिव्या ने गोल्ड व पंजाब की गुरशरण प्रीत ने ब्रांज जीते हैं।

इस तरह 8 मेडलों में अकेले हरियाणा की महिला पहलवानों ने 6 मेडल जीते हैं और उनके सहारे ही भारत को महिला वर्ग में दूसरा स्थान मिला है। इस साल टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय कुश्ती संघ व कोच इस प्रदर्शन को काफी बेहतर मान रहे हैं और महिला पहलवानों से ज्यादा से ज्यादा ओलंपिक के लिए जगह बनाकर पदक की काफी उम्मीद कर रहे हैं।

साक्षी व किरण का ओलंपिक क्वालीफायर के लिए 26 को ट्रायल
एशियन चैंपियनशिप के लिए ट्रायल में सोनम ने साक्षी मलिक को हराकर बड़ा उल्टफेर किया था, लेकिन सोनम कोई मेडल नहीं जीत सकीं। जिससे भारतीय कुश्ती संघ ने 62 किलो में ओलंपिक क्वालीफायर के लिए दोबारा ट्रायल कराने का फैसला लिया है। इस तरह ही 76 किलो में एशियन चैंपियनशिप में कोई मेडल नहीं मिला है और इस भार वर्ग में किरण गोदारा को ओलंपिक क्वालीफायर के लिए दोबारा ट्रायल देना होगा। यह ट्रायल 26 फरवरी को कराया जाएगा।

एशियन चैंपियनशिप में महिला पहलवानों ने आठ मेडल जीतकर इतिहास बनाया है, क्योंकि इतने मेडल अभी तक नहीं जीते जा सके थे। इसमें भी तीन गोल्ड मेडल हैं और इस प्रदर्शन से काफी संतुष्ट हैं। लेकिन ओलंपिक को देखते हुए ज्यादा मेहनत महिला पहलवानों से कराई जाएगी, जिससे ओलंपिक के लिए जगह पक्की करके ज्यादा मेडल जीत सके।
-कुलदीप मलिक, चीफ कोच भारतीय महिला कुश्ती


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Edited By

vinod kumar

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