बेटियों के साथ हो रही दरिंदगी के खिलाफ भारत की 140 खापें एकजुट

11/12/2018 11:01:31 AM

भिवानी:  हरियाणा और देश के हर राज्य में महिलाओं और बेटियों पर हो रहे लगातार अत्याचार, शोषण और दरिंदगी को लेकर पहली बार देशभर की करीब 140 खापें एकजुट होकर सामने आई हैं, जिसमें 9 एजेंडों पर सहमति बनाते हुए ये खापें सीजेआई से भी मुलाकात करेंगी। साथ ही, सभी ने ये फैसला लिया है कि सभी खापें अपने-अपने क्षेत्रों के उपायुक्त को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगी।

गौरतलब है कि रविवार को चरखी के एससीआर स्कूल में प्रधान सोमबीर सांगवान की अध्यक्षता में सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत हुई। साथ ही, इस महापंचायत में ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर विचार कर समाधान करने के लिए उत्तर भारत की 140 खापों के प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति जताई। खापों के प्रतिनिधियों ने ये फैसला लिया कि बच्चियों और महिलाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म, रेप, लिव-इन रिलेशनशिप बंद होने चाहिए और धारा 377 में तुरंत बदलाव किए जाने चाहिए, क्योकि इनसे महिलाओं को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। 

खापों में लिए गए फैसलों पर एक नजर-

1. बिना शादी किए ही पति-पत्नी के रूप में जीवन यापन करते हुए बच्चे पैदा करने को दिया गया कानूनी अधिकार तुरंत निरस्त करना चाहिए।  

2. मासूम बच्चियों और महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार जैसे अपराधों के कारण व इनके रोकने का ठोस समाधान।  

3. खाप से बाहर अंतरजातीय विवाह को खापों की स्वीकृति होगी और ऐसे विवाह करने वाले युवक व युवतियों को मिलेगा मान-सम्मान। 
 
4. समलैंगिकता को कानून द्वारा अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला तुरंत प्रभाव से निरस्त हो। 


5. 
खाप पंचायतों के बिगड़ते स्वरूप जैसे एक खाप में एक से अधिक प्रधान होना गलत। इस परंपरा को बदलना जरूरी।

6. सम गोत्र, गांव, गवांड व खाप में होनी वाली शादी नहीं करने देने व हिंदू विवाह कानून में संशोधन किया जाए। 

7. भ्रूण हत्या करने वाले परिवार व चिकित्सक का किया जाए सामाजिक बहिष्कार। संस्कारों के प्रति बच्चों का रुझान बढाने के लिए माता-पिता व समाज उनकाे प्रेरित करे।

8. शादी के बाद भी पति या पत्नी का अन्य किसी के साथ यौन संबंध बनाना अपराध के दायरे से बाहर करना गलत कानून। इसे तुरंत बदला जाए।  
  
  
 
 
 
 

Rakhi Yadav