इंडियन हॉकी प्लेयर पूनम रानी: ‘फिरकी’ की नौकरी पर हरियाणा सरकार ने ली ‘फिरकी’

12/30/2018 9:52:50 AM

हिसार(योगेंद्र भदौरिया): इंडियन हॉकी प्लेयर पूनम रानी फिरकी को सरकारी नौकरी देने के मामले में हरियाणा सरकार ने फिरकी लेते हुए उसे जूनियर कोच बनाने का निर्णय लिया है। इससे पूनम काफी आहत हैं और वह खुलकर कहती हैं कि सरकार के इस निर्णय से कैसे प्रदेश की लड़कियां स्पोर्ट्स में आगे आएंगी। पंजाब केसरी से विशेष बातचीत करते हुए पूनम ने कहा कि 10 साल से इंडियन टीम में फारवर्ड एक्सपर्ट के रूप में खेल रहीं हूं,ओलिंपिक भी खेल चुकी हंू बावजूद इसके सरकारी नौकरी देने के नाम पर सरकार उसका उपहास उड़ा रही है।

  एक ओलिंपियन के साथ सरकार का यह व्यवहार किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। सरकार को स्पोर्ट्स में लड़कियों को बढ़ावा देने हेतु अपनी नीति में बदलाव कर उन्हें बेहतर नौकरी देना चाहिए। यदि बेहतर नौकरी होगी तो वह खुद और अधिक मेहनत से देश के लिए खेलेंगी वहीं दूसरी लड़कियां भी आगे आएंगी। पूनम ने कहा कि देश के लिए पसीना बहा रहीं हूं और देश का नाम रोशन कर रही हूं। इसके चलते अब सरकार की बारी है कि वह भी खिलाडिय़ों का सम्मान बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाए। कई मुद्दों पर पूनम ने बेबाकी से अपनी बात रखी। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश-

सवाल - सरकार ने जूनियर कोच बनाकर आपका सम्मान किया फिर भी आप नाराज क्यों हैं?
जवाब - 10 साल से इंडियन टीम में खेलकर कई पदक जीते,ओलिंपिक भी खेल चुकी हूं बावजूद इसके नाम एवं कद अनुसार सरकार ने नौकरी नहीं दी। क्या एक ओलिंपियन के लिए जूनियर कोच का पद ही है। मुझे सी ग्रेड में डाला गया,इससे मैं काफी नाराज हूं।
सवाल - आप प्रदेश की दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा हो,कैसे उन्हें आगे लाओगे?
जवाब - सबसे पहले सरकार को अपनी नीति में बदलाव कर योग्यता अनुसार नौकरी देनी होगी। तभी तो मैं देश के लिए बेहतर खेलते हुए दूसरी लड़कियों को भी आगे ला सकूंगी। साथ ही मुझे बेहतर नौकरी में देखकर लड़कियों में भी उत्साह रहेगा और वह आगे आएंगी।
सवाल - पूनम रानी फिरकी के नाम से कैसे फेमस हुईं?
जवाब - असल में फिरकी मतलब फिरकनी,तेजी से घूमने-दौडऩे वाली। वर्ष 2010 के एक मुकाबले में मैंने फिरकनी के अनुसार पूरे मैदान में दौड़ते हुए शानदार प्रदर्शन किया। इसी के चलते साथी खिलाडिय़ों ने मुझे फिरकी कहना शुरू कर दिया,तभी से ग्राउंड और बाहर भी मुझे फिरकी कहकर बुलाते हैं।
सवाल - हांसी के छोटे से गांव उमरा से इंडियन टीम तक का सफर कैसे तय किया?
जवाब - मेरे घर के समीप हॉकी का ग्राउंड है और वहां पर लड़के-लड़कियों को हॉकी खेलते हुए देखा। स्कूल के समय हमारे गांव की टीम आस-पास के एरिये में फेमस थी और अधिकतर मैच जीतती थी। इसी के चलते हॉकी की प्रैक्टिस की,जमकर पसीना बहाया और वर्ष 2007 में इंडियन टीम में सिलैक्शन हो गया। तब से लगातार इंडियन टीम में फारवर्ड प्लेयर के रूप में खेल रही हूं।
सवाल - सरकार से नाराज होने के बाद भी आप हिसार हॉकी ग्राउंड पर किसलिए पसीना बहा रही हो?
जवाब - सरकार ने अपना काम किया और मैं अपना काम कर रही हूं। जैसे मैच मेंं जीत के लिए लड़ते हैं उसी प्रकार अपने हक के लिए भी लड़ेंगे। इस समय मैं 2020 में जापान में होने वाली ओलिंपिक की तैयारी कर रही हूं।


प्रोफाइल..
पिता का नाम-दलबीर सिंह
निवासी - उमरा गांव हांसी (हरियाणा)
एजुकेशन - बीए
मैच - 189 इंटरनैशनल मैच खेले
गोल्ड मैडल -इंटरनैशल लेवल पर 8
अचीवमैंट एक नजर में 
लकॉमनवैल्थ गेम्स - वर्ष 2010 और 2014, ओलिंपिक -2016
 एशियन गेम्स - 2014,जूनियर वल्र्ड कप 2013
 एशियन गेम्स 2013, एशियन चैंपियन ट्रॉफी 2013
वल्र्ड लीग राउंड 2017
सीनियर वल्र्ड कप 2010 और 2014
लकैप्टन - अंडर 19 और 21 इंडियन हॉकी टीम।

Deepak Paul