प्रदेश के फर्जी स्कूलों की जानकारी शिक्षा विभाग की वैबसाइट पर डालने का आदेश

1/13/2019 10:41:30 AM

चंडीगढ़(पांडेय): अब अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला किसी अच्छे स्कूल में करवाने के लिए मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के असमंजस में नहीं फंस पाएंगे, क्योंकि हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय को अपनी वैबसाइट पर प्रदेशभर में चल रहे फर्जी स्कूलों की समुचित जानकारी दर्शानी होगी। 
राज्य सूचना आयोग ने इसके लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय को कड़े आदेश देते हुए 30 जनवरी तक अपनी वैबसाइट पर फर्जी एवं गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। "

इतना ही नहीं, राज्य सूचना आयोग ने गुरुग्राम, जींद, कैथल, करनाल, रोहतक, यमुनानगर जिलों के उप जिला शिक्षा अधिकारियों  को आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता को 20 जनवरी तक अपने जिलों में फर्जी एवं गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के भी सख्त आदेश दिए हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि उन्हें जानकारी उपलब्ध करवाने का यह आखिरी मौका दिया गया है। इसके बाद सूचना नहीं देने की सूरत में संबंधित जिलों के शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को यह भी सख्त हिदायतें दी हैं कि गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की जानकारी विभाग की वैबसाइट पर डालने के साथ ही 5 फरवरी तक आयोग के समक्ष भी रिपोर्ट भेजकर इससे अवगत करवाना होगा।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व प्रदेश महामंत्री भारत भूषण बंसल ने 26 जुलाई 2018 को निदेशक सैकेंडरी शिक्षा विभाग से आर.टी.आई. के जरिए प्रदेशभर में चल रहे फर्जी स्कूलों से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी मगर निदेशालय ने जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई तो मामला 16 अक्तूबर को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा। 

लाखों अभिभावक झांसे में आने से बच जाएंगे : परमार
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व महामंत्री भारत भूषण बंसल का कहना है कि अब तक हरियाणा सरकार द्वारा हाईकोर्ट मेंं हलफनामा देकर प्रदेश में 1083 गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल संचालित होने की बात कही गई है मगर संगठन की तरफ से हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर प्रदेशभर में लगभग 4 हजार फर्जी स्कूल चलने की बात कही गई थी। इनमें प्ले स्कूल भी शामिल हैं। राज्य सूचना आयोग का फैसला स्वागत योग्य है, क्योंकि अधिकांश अभिभावक भव्य भवन और निजी स्कूलों की चकाचौंध देखकर भ्रमित हो जाते हैं

, वह यह जानना भी जरूरी नहीं समझते कि उनसे मोटी फीस वसूलने वाला स्कूल मान्यता प्राप्त है या नहीं। उन्होंने कहा कि अधिकांश फर्जी स्कूल अपने भवन के बाहर सी.बी.एस.ई. व हरियाणा बोर्ड से सम्बद्धता दर्शाते हैं, जबकि वास्तव में उनके पास इस तरह की कोई मान्यता या फिर स्कूल संचालन की अनुमति तक नहीं होती। फर्जी स्कूलों पर कार्रवाई करने में शिक्षा विभाग और सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। फिलहाल यह मामला उच्च न्यायालय में भी चल रहा है।

Deepak Paul