इंक कंट्रोवर्सी मामला: अधिवक्ता ने फीस के लिए विस अध्यक्ष व मुख्य सचिव को भेजा नोटिस

8/1/2017 10:29:53 AM

चंडीगढ़ (बंसल):पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू को अपनी फीस के लिए हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर, मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी तथा विधानसभा सचिव आर.के. नांदल को कानूनी नोटिस भेजना पड़ गया। मामला इंक कंट्रोवर्सी से जुड़ा है जिसमें सुभाष चंद्रा के प्रतिद्वंद्वी एडवोकेट आर.के. आनंद ने इस मामले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इन चुनावों के रिटर्निंग अधिकारी एवं विधानसभा सचिव राजेंद्र सिंह नांदल को आनंद ने पार्टी बनाया था। विधानसभा ने हाईकोर्ट में पैरवी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अनमोल रतन सिद्धू को हायर किया था। 

सिद्धू ने अपने वकील मनहेर एस. सैनी के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में साफ कहा गया है कि अगर एक माह के भीतर ब्याज सहित केस की फीस अदा नहीं की गई तो इस मामले को कोर्ट में ले जाया जाएगा। कानूनी नोटिस अभी तक किए गए पत्राचार का भी जिक्र किया गया है जिसमें विधानसभा अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा जारी किए गए पत्रों का भी हवाला दिया गया है। हरियाणा विधानसभा स्पीकर के निजी सचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि विधानसभा सचिवालय ने किस भी तरह की देरी नहीं की। स्पीकर जल्दी ही मुख्य सचिव व वित्त विभाग के अधिकारियों को बुलाकर देरी का कारण पूछेंगे। 

8 लाख 36 हजार रुपए की है राशि 
अधिवक्ता सिद्धू ने 8 लाख 36 हजार रुपए की फीस का बिल विधानसभा सचिव को काफी समय पहले भेजा था। सिद्धू को हायर करने से पहले बाकायदा सरकार के स्तर पर स्वीकृति भी ली गई थी। विधानसभा सूत्रों के अनुसार एडवोकेट सिद्धू के बिलों को मंजूरी के लिए आते ही मुख्य सचिव को भेज दिया गया था लेकिन जब बिल वित्त विभाग में भेजे गए तो वहां आपत्ति लगा दी गई। वित्त विभाग ने बिलों के भुगतान से पहले एडवोकेट जनरल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र की मांग की। उन्होंने जवाब में कहा कि सरकार की मंजूरी के बाद इस बारे में ए.जी. कार्यालय से स्वीकृति की जरूरत ही नहीं है।