मोदी-मनोहर के डर से बना इनेलो-बसपा गठबंधन जल्द टूट जाएगा : कृष्ण पाल गुर्जर

5/6/2018 10:48:25 AM

फरीदाबाद से सांसद एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर का मानना है कि इनेलो-बसपा गठबंधन पहले की भांति जल्द टूट जाएगा, क्योंकि पहले भी गठबंधन चुनाव परिणाम आने से पहले ही टूट गया था। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में दोबारा भाजपा की सरकार बनेगी क्योंकि राज्य में भ्रष्टाचार का खात्मा और एक समान विकास हुआ है। ऐसे ही मुद्दों को लेकर पंजाब केसरी संवाददाता दीपक बंसल से उन्होंने बातचीत की। पेश हैं कुछ अंश।

प्र. इनेलो-बसपा गठबंधन से भाजपा को कितना नुकसान मानते हैं?
उ. इनेलो-बसपा गठबंधन पहले भी हुआ था। चुनाव परिणाम से पहले ही टूट गया था। यह गठबंधन मोदी और मनोहर सरकार के डर के कारण हुआ है। किसी के डर के स्वार्थ से बने गठबंधन कभी लंबे नहीं चला करते।
प्र. इनेलो नेता अभय पूर्व में भाजपा की पीठ में छुरा घोपने के आरोप लगाते हैं, क्या कहेंगे?
उ. हरियाणा में पहले जो भी गठबंधन की सरकार बनी, वह भाजपा की बैसाखियों के सहारे ही बनी। राज्य जानता है कि किसने गठबंधन सहयोगी पर जुल्म किए और नेताओं पर झूठे केस बनाए। इनैलो को सत्ता में आने का इतना ही गुमान है तो 2005 से अब तक सत्ता क्यों नहीं हासिल कर पाए।
प्र. उत्तर प्रदेश से भाजपा विधायक अवतार भडाना अब फरीदाबाद से चुनाव लडऩे का दावा कर रहे हैं?
उ. 4 बार सांसद बनकर भी उस पार्टी का सगा नहीं हो सका, तो ऐसा व्यक्ति किसका सगा होगा। जहां तक फरीदाबाद से चुनाव लडऩे का सवाल है तो फैसला हाईकमान ने करना है कि किसको कहां से चुनाव लड़ाना है।
प्र. आपके विरोधी मामा को लेकर सवाल उठाते हैं, यह मामा कौन है?
उ. मेरे मामा हैं, मेरा राजनीतिक काम वही देखते हैं। आरोप लगाना आसान है, लेकिन सिद्ध करना मुश्किल होता है। जिन लोगों ने मामा को लेकर आरोप लगाए, उसका जवाब न्यायालय में दिया जाएगा।
प्र. हरियाणा के मुख्यमंत्री 70 सीटें जीतने का दावा करते हैं, क्या यह संभव है?
उ. एक बात डंके की चोट पर कहता हूं कि भाविष्य में दोबारा भाजपा की सरकार बनेगी। मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने चहुंमुखी विकास किया है और भ्रष्टाचार का खात्मा व पारदर्शी तरीके से सरकार चलाई है। 5 साल के कार्यकाल का 50 साल की सत्ता से हिसाब मांगा जाएगा।
प्र. आप कहते हैं कि भ्रष्टचार खत्म हुआ है, जबकि कर्मचारी चयन आयोग भर्ती घोटाले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं?
उ. स्पष्ट कर दूं कि मनोहर सरकार में कोई भी भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएगा। नौकरियों के मामले में शिकायत मिली तो कारवाई करते देर नहीं लगाई। आप ही बताओ किसी और की सत्ता होती तो क्या ऐसे कारवाई होती।
प्र.हरियाणा में विकास सिर्फ घोषणाओं में नजर आता है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है?
उ. आप ध्यान से देखें कि फरीदाबाद में ही कितना विकास हुआ है जबकि दूसरी पार्टियों ने क्षेत्र का शोषण किया। मनोहर सरकार समान विकास के रास्ते पर चल रही है ना कि एक क्षेत्र विशेष के विकास पर।
प्र. भाजपा के कुछ सांसद लोकसभा चुनाव लडऩे से पीछे हट रहे हैं, क्या बात है?
उ. आप गलत कह रहे हैं, कुछ सांसद नहीं केवल भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर लोकसभा की बजाय विधानसभा चुनाव लडऩे की बात कह रहे हैं। लोकतंत्र में किसी को भी अधिकार है कि किसी भी तरह का चुनाव लड़े। बाकि किसको कौन सा चुनाव लड़ाना है, यह फैसला हाईकमान ने करना है।
प्र. मोदी सरकार के फैसलों नोटबंदी, जी.एस.टी., विदेशों से काला धन वापस न आने को लेकर पूरे देश में विरोध नजर आता है?
उ. भ्रष्टाचार करने वाले लोग ही ऐसे फैसलों का विरोध कर रहे हैं जबकि देश की जनता काफी खुश है। इन फैसलों के बाद जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, वहां भाजपा ने जीत का परचम लहराया, फिर आप कैसे कह सकते हैं कि देश में मोदी के फैसलों का विरोध है।

यू.पी. उप-चुनाव में भाजपा को हार का सामना क्यों करना पड़ा ?
कुछ मामलों में अपवाद हो सकता है क्योंकि यू.पी. में दो ऐसी पार्टियों का गठबंधन हो गया था, जो कभी एक-दूसरे की शक्ल देखना पंसद नहीं करते थीं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि मोदी और योगी के डर से दो दुश्मनों ने हाथ मिला लिए जो रिश्ते स्वार्थ से भरे थे।

Deepak Paul