किसानों को समर्थन मूल्य देने के बजाय लागत से 1100 रुपए कम देने का काम: अशोक अरोड़ा (VIDEO)

7/4/2018 9:06:37 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने प्रेससवार्ता कर के कहा कि केंद्र व प्रदेश की सरकार किसान हितैषी होने का ढोंग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात करते हैं, वहीं किसानों को सरकार द्वारा तय लागत मूल्य भी नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि किसानों को लागत मूल्य पर 50 फीसदी समर्थन मूल्य देना तो दूर की बात है, उन्हें धान की फसल पर स्वयं द्वारा आंकलित लागत मूल्य से 1100 रुपए कम देने का काम किया है, जो भाजपा के किसान विरोधी चेहरे को दिखाता है। अशोक अरोड़ा ने मांग की कि सरकार किसानों को लागत मूल्य पर 50 फीसदी लाभ दे, ताकि किसानों को कर्ज का बोझ न उठाना पड़े।



लागत से 1100 रुपए की पूर्ति करने का जवाब भाजपा दे
अशोक अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने साल 2016-17 में धान पर 2281 रुपए लागत मूल्य देने की सिफारिश की थी। लेकिन भाजपा सरकार ने किसान को मात्र 1470 से 1510 रुपए देने का काम किया जो लागत से लगभग 600 रुपए कम है। इसी तर्ज पर ही साल 2017-18 में राज्य ने धान पर 2860 रुपए लागत मूल्य बताया था पर किसान को केवल 1550 रुपए ही मिला। लागत से 1100 रुपए की पूर्ति किसान कैसे करेगा, भाजपा किसानों को इसका जवाब दें। उन्होंंने यह भी कहा कि यह चौथी बार है जब सरकार धान की खरीद कर रही है लेकिन हर बार सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर भी प्रति क्विंटल 200 से 300 रुपए नमी के नाम पर कटौती की गई।

सरकार तुरंत प्रभाव से दे नए बोर लगाने की अनुमति
अशोक अरोड़ा ने यह भी कहा कि पानी की कमी के चलते हरियाणा का अधिकतर हिस्सा डार्क जोन व क्रिटिकल जोन में आता है, जिसके कारण किसानों के ट्यूबल के बोर काम करना बंद कर गए हैं, लेकिन सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते सरकार डार्कजोन की आड़ में नए बोर की अनुमति नहीं देती। इनेलो मांग करती है कि खट्टर सरकार नए ट्यूबल कनैक्शन और नए बोर लगाने की अनुमति किसानों को तुरंत प्रभाव से दे। 

भाजपा के प्रोपगेंडों की वजह से हरियाणा हुआ कर्जाई
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार ने चार साल उत्सवों में निकाल दिए और अब गिल्ली-डंडा और सडक़ों पर ठुमकने का काम कर रहे हैं। भाजपा के इन्हीं प्रोपगेंडों की वजह से राज्य 1 लाख 61 हजार का कर्जाई हुआ है। हरियाणा में विकास नाम की कोई चीज नहीं है जो सरकार की हर मोर्चे पर विफलता दर्शाता है।

Shivam