हार की समीक्षा के लिए दिल्ली में हुई इनैलो की बैठक

5/30/2019 8:15:02 AM

फरीदाबाद(महावीर): लोकसभा चुनावों में इंडियन नैशनल लोकदल की करारी हार के बाद दिल्ली में बुधवार को इनैलो के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता 14 दिन की पैरोल पर बाहर आए ओमप्रकाश चौटाला ने की। इस अवसर पर इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला,अशोक अरोड़ा, चरणजीत सिंह रोड़ी व आर.एस.चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई तथा पार्टी को मजबूत बनाने के लिए क्या-क्या निर्णय लिए इस बात पर अधिकारिक  तौर पर पार्टी की ओर से जानकारी नहीं दी गई।

लेकिन सूत्रों अनुसार लोकसभा चुनावों में इनैलो की करारी हार को लेकर इनैलो के वरिष्ठ नेताओं ने विस्तृत चर्चा की और विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार की। हालांकि 1 जून को इनैलो कार्यकारिणी की पुन: बैठक बुलाई गई है। इसमें भी लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार पर मंथन होगा और विधानसभा चुनावों को लेकर राय ली जाएगी। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में इनैलो नेता अर्जुन चौटाला ने बताया कि आज की बैठक में पार्टी को लेकर चर्चा की गई है लेकिन विस्तृत चर्चा 1 जून को कार्यकारिणी की बैठक में की जाएगी।
 
पार्टी में बदलाव के आसार
अर्जुन चौटाला ने स्पष्ट किया कि पार्टी में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। इसमें जिन लोगों के पास पार्टी की जिम्मेदारियां हैं उन्हें बदला जाएगा लेकिन कौन किस रूप में और क्या काम करेगा,इसका निर्णय एक जून को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक के बाद लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों से पार्टी में बदलाव को लेकर चर्चा की जाएगी और पार्टी की मजबूती के लिए जो भी बदलाव आवश्यक होंगे वे किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में इनैलो का कार्यकर्ता पुन:मजबूती के साथ खड़ा होकर काम करेगा और विधानसभा चुनावों में पार्टी को सत्ता तक लेकर जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में मतदाता की सोच अलग होती है इसलिए लोकसभा चुनावों के परिणामों को विधानसभा चुनावों के परिणामों के साथ पूरी तरह जोड़ा जाना सही नहीं है।
 
जजपा से बात करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता : अर्जुन चौटाला
अर्जुन चौटाला ने इनैलो-जजपा के एक होने पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उनके बीच विचारधारा की लड़ाई है इसलिए विचारधारा जब समान नहीं होती तो एक साथ काम करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि उनका 4 पीढिय़ों का राजनीतिक इतिहास है। जोकि आगे कई पीढिय़ों तक जारी रहेगा इसलिए सब अपना-अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से इंकार करते हुए कहा कि जजपा से बात करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

विभाजन को लेकर भी उन्होंने अन्य पार्टियों का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा जैसे बड़े दलों में भी विभाजन हो चुके हैं। इसके अलावा अनेक राजनीतिक दलों में विभाजन किसी से छिपे नहीं हैं लेकिन राजनीतिक दल वही कायम रहता है जिसकी विचारधारा और काडर मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि इंडियन नैशनल लोकदल का काडर आज भी बहुत मजबूत है और यही काडर मजबूती के साथ विधानसभा का चुनाव लड़ेगा और परिणाम सकारात्मक होंगे। 

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