दलदल में धंसने से मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत, मां का रो-रो कर बुरा हाल

7/19/2017 4:01:21 PM

कैथल (जोगिंदर कुंडू):कुराड़ गांव में तालाब की दलदल में फंसने से 2 वर्षीय मासूम की दर्दनाक मौत हो गई। करीब 14 घंटे तक किसी को यह मालूम नहीं चल पाया कि बेटी स्नेहा घर की दहलीज से कुछ दूरी पर तालाब में जिदंगी और मौत के बीच जूझ रही है। सुबह के समय जब बच्ची का शव किनारे पर आया तो हर किसी की रूह कांप गई। बेटी के खो जाने पर बिलख-बिलख कर रो रही मां सुखविंद्र ने बताया कि मंगलवार सांय करीब 4 बजे वह दुकान से बच्ची के लिए बिस्कुट लेने गई हुई थी। वापिस आने पर स्नेहा घर में नहीं मिली। परिवार के लोगों ने तुरंत आस-पड़ोस में तलाश की। काफी समय तक जब कोई सुराग न लगा तो अनहोनी की संभावना पैदा हुई। 

घटना की सूचना सरपंच सतबीर गिल के माध्यम से स्थानीय थाना में दी गई। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तहसीलदार चंद्रमोहन बिश्नोई और डी.एस.पी. सतीश गौतम अधिकारियों की टीम के साथ गांव पहुंचे। गायब बेटी को खोजने के लिए एस.एच.ओ. के नेतृत्व में गठित पुलिस टीमों ने सर्च अभियान विभिन्न माध्यमों से चलाया। करीब 14 घंटे बीत जाने के बाद भी हाथ खाली रहे। सुबह ग्रामीणों की नजर दलदल पर तैर रहे शव पर पड़ी। लोगों ने जब कूड़ा-कर्कट के बीच से स्नेहा को बाहर निकाला तो वह अचेत थे। चिकित्सीय जांच में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति भारी रोष था।

स्थिति उस समय तनाव पूर्ण हो गई जब परिजनों ने न्याय मिलने तक संस्कार करने से इंकार कर दिया। करीब 4 घंटे तक मासूम का शव रखकर परिवार व ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। उपरांत तहसीलदार चंद्रमोहन बिश्नोई के आश्वासन पर पीडि़त मृतक का पोस्टमार्टम करवाने को तैयार हो गए और बच्ची के शव को कैथल के नागरिक अस्पताल भेज दिया। 

सरपंच सतबीर गिल ने बताया कि वर्षों से तालाब ग्रामीणों के लिए समस्या बना है। इसके मद्देनजर ग्राम पंचायत ने कायाकल्प को लेकर कब्जा धारियों को पंचायत राज अधिनियम के तहत नोटिस जारी किए थे। साथ ही कब्जा हटाने के लिए प्रशासन से मदद मांगी गई थी। महिलाओं का शिष्टमंडल भी प्रशासनिक अधिकारियों से मिला था। कई माह बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई मदद पंचायत को प्रशासन की तरफ से नहीं मिली।