रोचक: क्या शारीरिक संबंध बनाने से भी फैल सकता है कोरोना? आरटीआई लगाकर मांगा जवाब

4/20/2020 4:05:47 PM

चंडीगढ़ (धरणी): वैश्विक महामारी कोरोना-वायरस से दुनिया भर में संक्रमित लोगों की संख्या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रोजाना जारी किए जाने वाले आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार 21.60 लाख लोगों से अधिक है, जबकि इस महामारी के संक्रमण से  मरने वालो लोगों की संख्या विश्व में  1.46 लाख से ऊपर हो गई है और यह आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ सप्ताह में इस महामारी से ग्रसित विश्व के लगभग सभी देशों की सरकारों द्वारा अपने अपने पूरे देश में सम्पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लागू कर लोगों को अपने घरो में रहने और सोशल डिस्टैन्सिंग के नियमों का सख्ताई से पालन करने का आह्वान किया जा रहा है।



भारत देश में भी कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीती 25 मार्च से 21 दिनों के लिए देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया, जिसे गत 14 अप्रैल को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि दुर्भाग्यवश इस लॉक-डाउन के दौरान भी संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। आज 19 अप्रैल शाम तक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार हमारे देश भर में संक्रमित लोगों की संख्या 16 हजार 116 है, जिनमें 13 हजार 295 एक्टिव केस हैं, जबकि 2302 केस अब तक ठीक या डिस्चार्ज हो चुके हैं। देश में मरने वालों संख्या अब तक 519 है। 

इसी बीच एक रोचक परन्तु अति महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठता है कि ऐसे में जब न केवल घर के बाहर सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करने बल्कि घरों के भीतर भी परिवार वालों से एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखने का आह्वान जा रहा है, तो क्या इस सबके बीच दम्पतियों द्वारा आपसी शारीरिक संबंध बनाना भी वर्जित है और मौजूदा विकट परिस्थितियों में आपसी दूरी के दौरान क्या इस सब भी परहेज रखना चाहिए? 



इस बारे में हालांकि आज तक आधिकारिक एवं स्पष्ट तौर पर भारत सरकार या स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लोगों को कोई जानकारी  नहीं दी गई है। इसके दृष्टिगत अम्बाला शहर निवासी एवं हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने आज भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय में एक ऑनलाइन आरटीआई दायर कर इस सम्बन्ध में आधिकारिक सूचना देने की मांग की है। 

उन्होंने अपनी याचिका में लिखा है कि राष्ट्रहित एवं सामाजिक हित में भारतीय गणतंत्र का एक नागरिक होने के नाते उन्होंने यह याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने इस विषय में उपलब्ध आधिकारिक सूचना मांगी है कि क्या मौजूदा कोविड-19  महामारी के दौरान सहवास एवं अन्य लैंगिक/यौन कृत्यों आदि के कारण उक्त संक्रमण होने का जोखिम हो सकता है अथवा इसकी सम्भावना है? 



उन्होंने इस विषय पर भारत सरकार के पास डब्ल्यूएचओ अथवा अन्य अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय मेडिकल सस्थान/संगठन से  प्राप्त किसी भी एडवाइजरी /अधिमत/प्रोटोकॉल आदि, अगर इस सम्बन्ध में प्राप्त हुआ है, इस पर भी जानकारी प्रदान करने की मांगी है। आर.टी.आई. में यह भी लिखा है ऐसी सूचना भारत सरकार द्वारा लोगो से सांझा करना इसलिए भी आवश्यक हो जाता है क्योंकि घरों के भीतर भी परिवार वालों द्वारा अपने बीच आपसी दूरी बनाए रखने के लिए आह्वान किया जा रहा है। 



हेमंत ने बताया कि गूगल एवं अन्य ऑनलाइन सर्च इंजनों पर इस विषय पर सटीक और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है जिस कारण लोगों के मन में भ्रम की स्थिति व्याप्त हो जाती है और संकोच एवं शर्म के कारण लोग खुले तौर पर इस बारे में पूछने से भी हिचकिचाते हैं और वैसे भी सामान्य चिकित्सकों, नर्सो, हेल्थ वर्करों, लैबोरेट्रीज एवं मेडिकल स्टोर/फार्मेसी/केमिस्ट आदि के पास भी कोई स्पष्ट या पुख्ता जानकारी नहीं हो सकती, इसलिए भारत सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह इस सम्बद्ध में अगर इस विषय पर कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध है, तो वह उसे प्रदान करें एवं लोगो से सांझा करें। 

हेमंत ने आरटीआई कानून की धारा 7 (1) के परन्तुक का हवाला देकर यह भी अनुरोध किया है की चूँकि उनकी आर.टी.आई. लोगों के जीवन अर्थात उनके स्वास्थ्य से सम्बंधित है, इसलिए इसका जवाब याचिका प्राप्त होने के 48 घंटे अर्थात दो दिन में दिया जाए।

Shivam