एचएसएससी भर्ती घोटाले के बाद फर्जी डिग्री के अंतराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़

4/13/2018 6:50:21 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): अभी एचएसएससी भर्ती घोटाला शांत भी नहीं हुआ था कि भिवानी पुलिस ने चुरु की प्राइवेट यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री के अंतराष्ट्रीय फर्जी गिरोह का भंडाफोड़ कर बड़ी कामयाबी हासिल की। अब इस मामले में हो रही जांच में एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं। फिलहाल पुलिस मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी और इन फर्जी डिग्रियों से कितने लोग नौकरी लगे, इसकी जांच में जुटी है।



बता दें कि भिवानी सिटी थाना में 5 अप्रैल को शिकायत दर्ज हुए थी कि राजस्थान के चुरु स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में मोटे पैसे लेकर फर्जी डिग्री देने का गिरोह चल रहा है। इस पर कार्यवाई करते हुए एसपी ने एसआईटी गठित की। एसआईटी ने कार्यवाई करते हुए 7 अप्रैल को ही यूनिवर्सिटी में कार्यरत चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपियों की तलाश तथा अन्य रिकॉर्ड व सामान को छापेमार कर जब्त कर लिया।



सदर थाना प्रभारी एसएचओ श्रीभगवान ने 2013 में स्थापित चुरु की इस यूनिवर्सिटी से अब तक मोटे पैसे लेकर हजारों की संख्या में फर्जी डिग्रियां व डीएमसी की बंदरबांट की गई है। इस मामले में मुख्य आरोपी यानि यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जोगेन्द्र दलाल, वीसी एवं जोगेन्द्र की पत्नी सरिता कड़वासरा सहित अन्य पदाधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस के मुताबिक रोहतक में यूनिवर्सिटी का कार्यालय बना कर ये गोरखधंधा किया जा रहा है, जहां से छापेमारी के बाद बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री, डिग्री छापने के खाली कागज, कम्प्युटर, हार्ड डिस्क, प्रिंटिंग की दो बड़ी मशीनें व थ्री डी लोगो सहित रिकॉर्ड बरामद किया है।

मुख्य आरोपियों में से तीन के खिलाफ उज्जैन में भी मामला दर्ज होने की नई जानकारी मिली है। इतने बड़े खुलासे के बाद यूजीसी को भी इस यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्यवाई के लिए लिखा जा रहा है।
पुलिस के मुताबिक फर्जी डिग्रियां विदेशों तक बांटी गई हैं। खास बात ये है कि रोहतक में प्रिंट होने वाली डिग्रियों पर तीन प्रकार के कोड अंकित होते थे। रेगुलर के लिए आरजी, दिल्ली के आवेदकों के लिए डीएलआरएस तथा प्रदेश से आवेदन करने वालों के लिए एसएसआरएस कोड के साथ अंकित किया जाता था।

Shivam