International Women''s Day : पढ़िए ''दंगल गर्ल'' की कहानी उन्हीं की जुबानी

3/8/2023 11:24:15 AM

करनाल : गीता फोगाट को आप 'दंगल गर्ल' के नाम से भी जानते होंगे। अपने शानदार खेल प्रदर्शन से गीता फोगाट ने साल 2009-2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। गीता फोगाट के पिता महावीर सिंह फोगाट भी पहलवान हैं, जिन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया है। पिता के प्रोत्साहन और समर्थन ने गीता और बबीता फोगाट को देश की मशहूर रेसलर बना दिया था। फोगाट बहनों ने काफी मेहनत की और आज बड़े मुकाम पर हैं। 

बता दें कि गीता फोगाट छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। गीता फोगाट हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शादी साल 2016 में पहलवान पवन कुमार से हुई है। गीता फोगाट साल 2019 में एक बेटे की मां बनी हैं। गोल्ड मेडल जीतने वाली महिला पहलवान गीता फोगाट ने भारतीय महिला कुश्ती को दिया नया आयाम। जिन्होंने पहली बार भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। गीता ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। साथ ही गीता पहली भारतीय महिला पहलवान है जिन्होंने ओलम्पिक में क्वालीफाई किया था। 

गीता फोगाट ने कहा कि इस मकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे ज्यादा मुश्किल कुश्ती जैसे खेल को चुनना था। गीता ने कहा उन्हें आज भी याद है जब वह बचपन में कुश्ती लड़ने जाती थी। उन्हें वहां कुश्ती लड़ने नहीं दी जाती थी। उनके पिता को यहां तक कहा गया कि कौन से शास्त्रों में लिखा गया है जिसमें लड़कियों को कुश्ती लड़ने के बारे में कहा गया है। ऐसी जगह पर अपनी पहचान बनाना काफी मुश्किल भरा रहा। फोगाट ने बताया कि जब वह कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कही जाती थी, उनके पिता को यहां तक कहा गया कि तुम्हारी बेटियों से कोई शादी नहीं करेगा। उसके बाद उनके माता-पिता ने बिना समाज की परवाह किए बिना उनका साथ दिया, जिसके बाद उनका सफर बिल्कुल आसान हो गया। गीता ने कहा कि बचपन में हर कुश्ती प्रतियोगिता में उनके पिता हमेशा उनके साथ रहते थे। 

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Content Writer

Manisha rana