करोड़ों रुपये की चोरी के हाई प्रोफाइल मामले में होगी आईपीएस अधिकारी की गिरफ्तारी

12/17/2021 6:10:55 PM

सोहना (सतीश): साइबर सिटी गुरुग्राम में करोड़ों रुपये की चोरी के हाई प्रोफाइल मामले में आए रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं अब इस हाई प्रोफाइल चोरी के मामले में आईपीएस धीरज सेतिया की सलिंप्तता पाई जाने पर पुलिस उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने की तैयारी में है। मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने बताया कि आईपीएस धीरज सेतिया को जांच में शामिल होने के लिए तीन बार नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हो रहे, इसलिए अब एसटीएफ अदालत से अरेस्ट वारंट ले रही है।

ये है पूरा मामला
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 20 अगस्त को अल्फा जी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने गुरुग्राम के खेड़कीदौला थाने में शिकायत दर्ज करवाई कि उनकी कंपनी से कैश चोरी कर लिया गया है और उसे एक फ्लैट में रखा गया है। शिकायत में कहा गया कि जिस जगह कैश रखा हुआ है, वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं है। 

मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुग्राम पुलिस ने जांच शुरू की और इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात एक एएसआई सहित दो लोगों से कुछ कैश बरामद किया। आरोप है कि उसके बाद पुलिस ने मामले में लीपापोती शुरू कर दी। मामले को दबाने की कोशिश की जाने लगी, जिसके बाद इस केस की जांच का जिम्मा गुरुग्राम एसटीएफ को सौंप दिया गया। एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की तो एक के बाद एक परत खुलती चली गई। 



एसटीएफ ने गुरुग्राम के नामी डॉक्टर जीपी सिंह और डॉक्टर सचिंदर जैन नवल को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। एसटीएफ की तफ्तीश में सामने आया कि यह चोरी लाखों की नहीं बल्कि करोड़ों की है। इस चोरी का मास्टरमाइंड डॉक्टर सचिंदर जैन, डॉक्टर जीपी सिंह है और डॉक्टर सचेन्द्र जैन नवल ने गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात एएसआई विकास गुलिया के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से चोरी को अंजाम दिया था।

एसटीएफ आईजी सतीश बालन ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि इन लोगों ने चोरी किए गए पैसे को गोल्ड, व यूएस डॉलर में बदल दिया। छानबीन के दौरान एसटीएफ को पता चला कि गैंगस्टर विकास लगरपुरिया ने अपने गुर्गों के माध्यम से इस करोड़ों की चोरी को अंजाम दिया था। जिस समय चोरी की वारदात को अंजाम दिया था उस वक्त आईपीएस धीरज सेतिया गुरुग्राम में डीसीपी वेस्ट का चार्ज संभाल रहे थे। जांच के दौरान आईपीएस धीरज सेतिया का नाम डॉक्टर नवल ने लिया, जिससे मामले में उनकी संलिप्तता सामने आई।

उन्होंने बताया कि धीरज सेतिया को तीन बार जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया लेकिन वे जांच में शामिल नहीं हुए। जिसके बाद सरकार ने धीरज सेतिया को सस्पेंड कर दिया है और अब एसटीएफ धीरज सेतिया को गिरफ्तार करने के लिए अदालत से वारंट ले रही है।
 

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Content Writer

Shivam