विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गूंजेगा Bond Policy का मुद्दा, दीपेंद्र हुड्डा ने छात्रों को दिया समर्थन

12/1/2022 5:02:58 PM

रोहतक(दीपक): हरियाणा सरकारी की बॉन्ड पॉलिसी को लेकर एमबीबीएस के छात्रों के धरने को अब राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिलने लगा है। नेता प्रतिपक्ष के बाद सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी आज रोहतक पीजीआई में छात्रों के धरने पर पहुंचे और छात्रों की मांग को अपना समर्थन दिया। दीपेंद्र ने छात्रों को आश्वासन दिया कि संसद के सत्र में भी उनका मुद्दा उठाया जाएगा। इसी के साथ हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी कांग्रेस के विधायक बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में काम रोको प्रस्ताव लेकर आएंगे।

 

 

राज्यसभा के साथ विधानसभा में कांग्रेस उठाएगी छात्रों की मांग

 

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ऐसी बांड पॉलिसी किसी भी प्रदेश में लागू नहीं है और हरियाणा सरकार इन छात्रों को बंधुआ मजदूर बनाकर काम करवाना चाहती है। सरकारी संस्थान शिक्षा देने के लिए होते हैं न कि पैसा कमाने के लिए। उन्होंने कहा कि यह सरकार शिक्षा के प्रति संवेदनहीन है और इस बांड पॉलिसी के माध्यम से छात्रों से पैसा कमाना चाहती है, लेकिन यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे संसद के सत्र में हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी को लेकर उठाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बॉन्ड पॉलिसी को वापस लेने की मांग उठाई जाएगी। यही नहीं 22 दिसंबर से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी कांग्रेस द्वारा बॉन्ड पॉलिसी का मुद्दा जोरों शोरों से उठाया जाएगा। दीपेंद्र ने कहा कि कांग्रेस विधायक विधानसभा में काम रोको प्रस्ताव लेकर आएंगे। वहीं अगर सरकार ने तब भी बॉन्ड पॉलिसी वापस नहीं ली तो छात्रों के समर्थन में कांग्रेस सड़कों पर भी उतरने को तैयार रहेगी।

 

 

सरकार के साथ मुलाकात के बाद भी संतुष्ट नहीं हुए छात्र

 

मुख्यमंत्री से मुलाकात करने गए छात्र प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पंकज बिट्टू ने कहा कि बैठक में एक बार भी बॉन्ड पॉलिसी को लेकर कोई बात नहीं हुई। वहां तो सिर्फ ईएमआई भरने को लेकर मुख्यमंत्री ने चर्चा की है। यह बांड पॉलिसी ना बनकर ईएमआई पॉलिसी बन गई है। उन्होंने कहा कि वह सरकार में सेवाएं देने के लिए तैयार हैं, लेकिन ईएमआई देने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए यह हड़ताल इसी तरीके से जारी रहेगी।

 

 

प्रदेश सरकार ने पॉलिसी की राशि और समय अवधि में किया बदलाव

 

गौरतलब है कि एमबीबीएस छात्र प्रदेश सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ पिछले एक महीने से हड़ताल कर रहे हैं। इस बीच सरकार के साथ तीन दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। वहीं हरियाणा सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी में कई तरह के बदलाव भी कर दिए हैं। बॉन्ड की राशि को घटाकर 30 लाख रुपए कर दिया गया है। इसी के साथ पॉलिसी के तहत सरकारी अस्पतालों में काम करने की अनिवार्य समय अवधि को भी घटाकर 7 साल से 5 साल कर दिया गया है। वहीं पीजी करने वाले छात्रों को भी सरकार ने कुछ राहत देने का ऐलान किया है। हालांकि बैठक के बाद भी मांगो को लेकर छात्र असंतुष्ट नजर आए और उन्होंने धरने को चालू रखने का ऐलान किया। 

 

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पिछले एक महीने से धरने पर बैठे मेडिकल छात्रों के डेलिगेशन के साथ सरकार ने तीसरे दौर की वार्ता की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि बॉन्ड पॉलिसी के तहत सरकारी अस्पताल में काम करने की अनिवार्यता को 7 साल से घटाकर 5 साल कर दिया गया है...पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें

 

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Content Writer

Gourav Chouhan