5 साल में गैस कनेक्शन की जांच करवाना हुआ अनिवार्य, मना करने पर दुर्घटना क्लेम से धोना पड़ेगा हाथ

punjabkesari.in Tuesday, Jan 10, 2023 - 05:04 PM (IST)

भिवानी : गैस उपभोक्ताओं को बीमा का लाभ पहुंचाने एवं सुरक्षा सुविधा मुहैया करवाने के उद्देश्य से पेट्रोलियम मंत्रालय ने गैस एजेंसी संचालकों को सख्त निर्देश दिए है, जिसके तहत गैस एजेंसी के मैकेनिक गैस उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर गैस-सिलेंडर की जांच करेंगे, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सकें। अब गैस एजेंसियां भी कंपनियों की ओर से मिले दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालना करने में जुट गई हैं। इसके तहत 5 साल में होने वाली गैस कनेक्शन की जांच अनिवार्य कर दी गई है। यदि इस जांच को लेकर किसी उपभोक्ता ने इंकार किया तो उसे दुर्घटना के बाद मिलने वाले क्लेम से हाथ धोना पड़ सकता है। इतना ही नहीं संबंधित गैस एजेंसी उपभोक्ता की सप्लाई रोकते हुए कनेक्शन भी ब्लॉक कर सकती है।

 

गैस उपभोक्ता को अदा करनी होगी निर्धारित फीस

 

बता दें कि हर 5 साल में एक बार गैस एजेंसी अपने उपभोक्ता के घर पर रसोई गैस की चेकिंग करवाती है। चेकिंग करने वाले कर्मचारी की कंपनी द्वारा निर्धारित विजिट फीस उपभोक्ता को अदा करनी होगी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने निर्देश दिए कि गैस कनेक्शन की 5 वर्षीय अनिवार्य जांच नहीं करवाने व लंबे समय से गैस आपूर्ति प्राप्त नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को सूचित कर सप्लाई बंद की जा सकती है। एजेंसियों की ओर ग्राहकों के घर पर रसोई गैस की चेकिंग के लिए कर्मचारी पहुंचेगा, जो रसोई में खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले सिलेंडर, रेग्युलेटर, चूल्हा व गैस पाइप की जांच करेगा। सिलेंडर, चूल्हे से कितना नीचे रखा हुआ है। साथ ही मैकेनिक यह भी देखेगा कि ग्राहक बाजार से खरीदी गई गैस पाइप और रेगुलेटर का उपयोग तो नहीं कर रहा है। इसके बाद कर्मचारी सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करने व चूल्हे की जांच कर उसकी खामी बताएगा। इसके लिए एजेंसी अपने स्तर पर प्रशिक्षित मैकेनिक से इसकी जांच कराती है। इसके लिए उसे पहचान पत्र भी जारी किया जाता है।

 

जांच करवाने से इंकार करने पर कट सकता है गैस कनेक्शन

 

इसे लेकर गैस सर्विस-संचालक हसंराज ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक कंपनी के निर्देशन में ग्राहकों को बीमा का लाभ पहुंचाने एवं सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए 5 वर्षीय अनिवार्य जांच की व्यवस्था लागू है, जिसका शुल्क 236 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके लिए ग्राहकों को चाहिए कि वे अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस व्यवस्था में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि कंपनी की ओर से उन्हें निर्देश मिले हैं कि जो उपभोक्ता इस जांच के लिए इंकार करता है तो उसे लिखकर देना होगा कि यदि कोई दुर्घटना हुई तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं की होगी। साथ ही एजैंसी अपने स्तर पर उसके यहां जांच कराकर उसकी सप्लाई रोक सकती है या उसका कनेक्शन ब्लॉक भी कर सकती है। 

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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