जे.बी.टी. की मुख्यमंत्री स्तर की मांगों पर फंसा पेंच

3/5/2018 11:28:54 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): करनाल में हजारों जे.बी.टी. द्वारा आक्रोश रैली में दिखाए रोष व लाठीचार्ज की आंच को धीमा करने के लिए निदेशक, मौलिक शिक्षा राजनारायण कौशिक व अतिरिक्त निदेशक वंदना दिसोदिया ने राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष तरुण सुहाग के नेतृत्व में  प्रतिनिधिमंडल की जे.बी.टी. की लंबित मांगों पर 2 घंटे तक चर्चा की। संघ नेताओं ने सबसे पहले अंतर-जिला तबादलों का मुद्दा उठाया। जिस पर निदेशक, मौलिक शिक्षा ने संघ नेताओं को बताया कि अंतर-जिला तबादले ज्यादा से ज्यादा जे.बी.टी. शिक्षकों के हो सके, इसके लिए जे.बी.टी. से टी.जी.टी. व सी. एंड वी. पदों पर पदोन्नति का कार्य तेजी से किया जाएगा। 31 मार्च से पहले जल्द से जल्द पदोन्नति का कार्य पूरा किए जाने का भरसक प्रयास होगा तथा अंतर-जिला तबादलों की प्रक्रिया भी साथ-साथ ही शुरू कर दी जाएगी। 

एनिवेयर श्रेणी में तबादलों से परेशान जे.बी.टी. के मुद्दे पर निदेशक ने कहा कि ऐसे शिक्षकों के 31 मार्च तक मैनुअल तबादले कर दिए जाएंगे और सामान्य ऑनलाइन तबादलों में उनको विशेष कैटेगरी बनाकर ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेने का अवसर दिया जाएगा। नई अंतर-जिला तबादला पॉलिसी के संदर्भ में संघ नेताओं द्वारा दिए गए सभी सुझावों पर पूरी गंभीरता से गौर किया जाएगा लेकिन सुझावों को पॉलिसी में शामिल करने का निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर होना है और वे ही अंतिम निर्णय लेंगे। 

निदेशक ने कहा कि संघ द्वारा दिए गए कई सुझाव बेहद तार्किक है और वे भी मुख्यमंत्री के समक्ष उन्हें तबादला पॉलिसी में शामिल करने का आग्रह करेंगे। बैठक की जानकारी देते हुए संघ के महासचिव सुरेश लितानी ने बताया कि संघ ने नीलम रानी केस के तहत एरियर संबंधी समस्याओं को बैठक में रखा तो निदेशक ने संघ को भरोसा दिया कि नीलम रानी केस से संबंधित सभी स्टैप-अप मामलों पर शीघ्र ही स्पीकिंग आदेश जारी कर दिए जाएंगे। जिले की बजाय राज्य का उदाहरण मान्य करने बारे आगामी कार्रवाई की जा रही है। 

निदेशक ने इस बात पर सैद्धांतिक सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि जिले के बजाय राज्य के उदाहरण को ही लागू किया जाना चाहिए। संघ द्वारा जे.बी.टी. शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलने का मुद्दा उठाने पर निदेशक ने मुख्य लेखाकार को निर्देश दिया कि जे.बी.टी. शिक्षकों को समय पर वेतन देने हेतु सभी डी.डी.ओ. को पूरे वर्ष का वेतन बजट अप्रैल में ही जारी कर दिया जाए। उन्होंने इस संदर्भ में हिदायत पत्र भी जारी करने का निर्देश दिया। ताकि जे.बी.टी. शिक्षकों को वेतन के बजट के लिए बार-बार जिला कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़े। 

संघ द्वारा पी.जी.टी. हेतु जारी पत्र की आड़ में जे.बी.टी. अध्यापिकाओं की सी.सी.एल. स्वीकृत न करने का मुद्दा उठाने पर निदेशक ने साफ किया कि जे.बी.टी. महिला अध्यापिकाओं की सी.सी.एल. पर कोई पाबंदी नहीं है। पाबंदी का पत्र केवल पी.जी.टी. के लिए था। इस संदर्भ में क्लैरीफिकेशन पत्र जारी कर दिया जाएगा।