जगद्गुरू ब्रह्मानंद सरस्वती महाराज ने कुरीतियों के प्रति आवाज उठाने का किया कार्यः हरविंद्र कल्याण

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2024 - 05:31 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): गुरु ब्रह्मानंद महाराज ने अपने जीवनकाल में नारी शिक्षा पर बल दिया। इसके साथ ही उस समय में उन्होंने पर्यावरण की चिंता करने के साथ यज्ञ को भी बढ़ावा देने का कार्य किया।यह शब्द हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने की। पंचकूला की रोड धर्मशाला में जगद्गुरू स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती महाराज का 116वां जन्मोत्सव पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दौरान हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण मुख्यातिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके अलावा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह, हरियाणा पशुधन बोर्ड के चेयरमैन धर्मबीर मिर्जापुर और पुंडरी के विधायक सतपाल झांबा वशिष्ठ अतिथि के तौर पर शामिल हुए। कार्यक्रम में जगद्गुरू स्वामी ब्रह्मानंद महाराज की शिष्ट साध्वी सरला देवी विशेष तौर पर उपस्थित रही। कार्यक्रम की शुरूआत हवन यज्ञ के साथ की गई। कार्यक्रम में जगद्गुरू स्वामी ब्रह्मानंद सेवा समिति के अद्यक्ष जगदीश गुरनाम सिंह, उप प्रधान गुरनाम सिंह समेत,  धर्मवीर चौधरी, कृपाल सिंह भी मौजूद थे।

कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कहा कि हमें महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलने के साथ उनके विचारों के साथ जुड़ने का काम करना चाहिए। साथ ही गुरू जी ने समाज में फैली कुरीतियों के प्रति आवाज उठाने का भी कार्य किया। आज इन सभी चीजों को अपनाने की जरूरत है। महापुरुषों के विचारों को अपनाकर हम जीवन में अच्छी राह पर चलते हुए अच्छे इंसान बनने के साथ ही एक अच्छे नागरिक होने का दायित्व भी निभा सकते हैं। महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलकर ही आने वाले समय में हम विकसित भारत के निर्माण में अपने योगदान को सुनिश्चित कर सके। 

गुरु जी ने पहले शुरू की थी आज को मुद्दों पर चर्चा

विधनसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कहा कि गुरु ब्रह्मानंद महाराज ने अपने जीवन काल में समाज को एक रास्ता दिखाने का कार्य किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में उन विषयों पर चर्चा की, जो आज वास्त में ज्वलंत मुद्दे बने हुए हैं। गुरू जी ने उस समय में नारी शिक्षा, नारी सशक्तिकरण समेत नशे और कुरीतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुरु जी ने नशे और कुरीतियों से दूर रहकर खुद को एक अच्छा इंसान और जिम्मेदार यक्ति बनाते हुए जीवन में आगे बढ़ने और पर्यावरण की चिंता की थी। आज पर्यावरण पूरी दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। कल्याण ने कहा कि समय-समय समाज की अलग-अलग मांगे आती है। अलग-अलग समय पर अलग-अलग जरुरतें सामने आती है। हमें आज खुद के अच्छे भविष्य के अलावा बचचों की अच्छी शिक्षा और संस्कार पर फोकस करना है, जिससे बच्चे समाज को आगे बढ़ाने के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बन सके। 

अपने दायित्व को ईमानदारी से निभाएं

जगद्गुरू स्वामी ब्रह्मानंद महाराज के जन्मोत्सव के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मोत्सव को सुशासन दिवस के रूप में मनाए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में सुशासन की नींव रखने का काम किया था। आज उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मौजूदा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ई-गर्वेंस, पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर योग्यता को आगे बड़ाने का काम कर रहे हैं, यह सभी सुशासन से ही जुड़े हुए कार्य है। हरविंद्र कल्याण ने कहा कि जब हम गरीब को सहारा देने की बात करते हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ देने की बात करते हैं, जब हम अंत्योदय के संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं, तो यह सभी सुशासन के बिना संभव नहीं है। उन्हें कहा कि सभी को अपने दायित्व को ईमानदारी से निभाते हुए अपनी जिम्मेदारी पर खरा उतरने का काम करना चाहिए। लोकतंत्र के स्तंभ के रूप में न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायपालिका और चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया को निष्पक्ष रूप से कार्य करते हुए देश को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को मजबूत करने का काम करना चाहिए। साथ ही समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए।

सुशासन की सफलता साफ नीयत, नीति और निष्ठा पर निर्भर

हरविंद्र कल्याण ने कहा कि वर्ष 2014 में जनसेवा का दायित्व संभालते ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन से सुशासन और सुशासन से सेवा का अपना अभियान शुरू किया था। ऐसे अभियान की सफलता साफ नीयत, नीति और निष्ठा पर निर्भर करती है। सुशासन के लिए सेवा की नीयत होनी चाहिए और नीतियां भी ऐसी होनी चाहिए कि उनमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न हो। इन्हीं साफ नीयत और सही नीतियों के बलबूते हमारी सरकार सुशासन के इस अभियान में सफलता प्राप्त कर रही है। इस सफलता को प्रदेशवासियों ने भी अपना भरपूर समर्थन दिया है और लगातार तीसरी बार हरियाणा में भाजपा को जन सेवा का जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सुशासन के इस दौर को निरंतर आगे बढ़ाती रहेगी।

ई- गवर्नेंस से तय किया सुशासन का सफर

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ई-गवर्नेंस की विभिन्न पहलों को अपनाते हुए सुशासन का सफर तय किया है। जमीनों की रजिस्ट्री में गड़बड़ी को रोकने के लिए रजिस्ट्री के समय प्रस्तुत किए जाने वाले विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों आदि के अनापत्ति प्रमाण-पत्र ऑनलाइन जारी करने शुरू किए हैं। जमीनों के रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए पूरे प्रदेश में वैब-हैलरिस प्रणाली लागू की गई। राज्य सरकार ने ई-नीलामी और ई- रवाना स्कीम के माध्यम से खनन ठेकों में पारदर्शिता सुनिश्चित की। सरकार ने 'सेवा का अधिकार' कानून बनाया, जिसके तहत निर्धारित अवधि में सेवा न मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।

ईमानदार और पारदर्शी सुधारों से आ रहे बेहतर परिणाम

कल्याण ने कहा कि राज्य सरकार ने ईमानदार और पारदर्शी प्रशासन की नींव रखी है और सरकार द्वारा किए गए सुधारों से स्थापित सुशासन के सकारात्मक परिणाम आए हैं। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ घर बैठे ही पात्र लोगों को मिल रहा है। सुशासन का ही परिणाम है कि तमाम रुकावटों को पार करते हुए हमारी सरकार ने 1 लाख 71 हजार युवाओं को बिना खर्ची-पर्ची के सरकारी नौकरियां दी हैं। आज प्रदेश में पढ़ी-लिखी पंचायतें गांवों के विकास को नई गति दे रही हैं। सुशासन के बलबूते ही प्रदेश का हर गांव लाल डोरा मुक्त हो चुका है। सीएम विंडो के जरिए लोगों को घर बैठे ही न्याय देने का काम हमारी सरकार ने किया है। सीएम विंडो पर 12 लाख से अधिक समस्याओं और शिकायतों का समाधान हो चुका है। सुशासन का ही परिणाम है कि अब गरीब के राशन का हक कोई दूसरा व्यक्ति नहीं मार सकता। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 59 विभागों की 772 योजनाएं और सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिनका आम नागरिक घर बैठे ही लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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Content Editor

Deepak Kumar

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