मृत्युभोज पर नहीं परोसे जाएंगे जलेबी, रसगुल्ला व पकौड़े

3/7/2018 6:33:54 PM

कुलां (गुरशरण मोंगा) :गांव चिम्मो में सामाजिक कुरीतियों व मृत्युभोज के नाम पर होने वाले अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाने के लिए जागरुकता अभियान चलाकर एक नई पहल की गई है। गांव चिम्मो व आसपास के कई गांवों के लोगों द्वारा एकजुट होकर एक सभा का आयोजन कर आपसी सहमति से कुछ फैसले लिए गए हैं। ग्रामीणों द्वारा लिए गए फैसलों के अनुसार अब किसी बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के बाद बांटा जाने वाला मुंगफली इत्यादि का प्रसाद नहीं बांटा जाएगा।

परिवार की इच्छानुसार गुरुद्वारा साहिब में देग का प्रसाद ही बांटा जाएगा। मृत्युभोज पर जलेबी, रसगुल्ले, पकौड़े इत्यादि व्यंजन भी नहीं परोसे जाएंगे। सिर्फ सादा गुरु का लंगर ही तैयार किया जाएगा। इसके अलावा खुशी के मौकों पर किन्नरों को दी जाने वाली बधाई भी निर्धारित की गई है। 

गौरतलब है कि विवाह-शादी व पुत्र जन्म के मौकों पर किन्नरों द्वारा अनाप शनाप बधार्द के तौर पर मोटी रकम की मांग की जाती है। लेकिन अब गांव चिम्मों में अमीर वर्ग किन्नरों को सिर्फ 1100 रुपये व मध्यम एवं सामान्य वर्ग सिर्फ 500 रूपए ही बधाई के तौर पर देगा। गांव में अपने ट्रैक्टर इत्यादि पर ऊंची आवाज में डैक चलाने पर भी अब पाबंदी लगा दी गई है।

सभा की अध्यक्षता कर रहे कंबोज सभा के प्रधान एवं समाजसेवी राकेश कंबोज बलियाला ने जानकारी देते हुए बताया कि समाज की उन्नति के लिए सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश लगाना बहुत जरुरी है। इसके लिए लोगों को आगे आना चाहिए क्योंकि किसी भी सामाजिक बुराई एवं कुरीति को कोई अकेला व्यक्ति दूर नहीं कर सकता है।