अतीत के झरोखे से: जींद की 7 में से 3 सीटों पर जनता पार्टी की हुई थी हार

10/16/2019 10:19:46 AM

जींद (जसमेर): प्रदेश की राजनीति को दिशा देने वाले जींद जिले के लोगों का राजनीतिक मिजाज अपनी ही तरह का है। कई बार यहां के लोगों ने प्रदेश में चल रही राजनीतिक हवा के खिलाफ मजबूत स्टैंड लेकर चौंकाने वाले चुनावी नतीजे दिए हैं। इनमें 1977 में हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में चली जनता पार्टी की आंधी भी जींद में आकर ठहर गई थी। 

देश में डेढ़ साल के आपातकाल के बाद जब लोकसभा व विधानसभा चुनावों का शंखनाद 1977 में हुआ तब जनता पार्टी के रूप में विपक्षी दलों ने एक नई पार्टी बनाई थी और इस पार्टी ने हरियाणा सहित उत्तर भारत में कांग्रेस व तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जबरदस्त शिकस्त दी थी। जनता पार्टी की इस आंधी दौरान हरियाणा में 90 में से 75 सीटों पर जनता पार्टी को जीत मिली थी। 

जिले की 7 विधानसभा सीटों में से जनता पार्टी को केवल 4 पर जीत मिल पाई थी और 3 सीटों पर उसकी हार हुई थी। जींद में जनता पार्टी की इस आंधी को रोकने वालों में उचाना कलां से बीरेंद्र सिंह, नरवाना से शमशेर सिंह सुर्जेवाला और जींद से मांगेराम गुप्ता शामिल थे। 

कांग्रेस से बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी विशाल हरियाणा पार्टी 
1977 के विधानसभा चुनाव दौरान जनता पार्टी की आंधी में कांग्रेस हरियाणा में तिनके की तरह उड़ गई थी। उसे 90 में से केवल 3 सीटें मिली थीं जबकि उससे ज्यादा सीटें विशाल हरियाणा पार्टी को मिली थीं जिसके 5 प्रत्याशी विधानसभा पहुंचे थे। प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में यह कांग्रेस का सबसे दयनीय प्रदर्शन था।

Isha