चंदे के हिसाब को लेकर दो फाड़ हुई कैथल की जाट आरक्षण संघर्ष समिति

5/15/2017 4:09:46 PM

कैथल(रमन गुप्ता):हरसोला गांव के स्कूल में जाट समुदाय की एक हंगामेदार बैठक हुई जिसमें समुदाय के लोगों ने आरक्षण की आड़ में चंदा राशि में लगभग 31 लाख का गबन करने का आरोप लगाया। बैठक में जमकर जहां वाक युद्ध चला, वहीं एक दूसरे पर हाथापाई भी की गई। समुदाय बिखराव की ओर दिखाई दिया। बैठक का आयोजन गांव हरसोला की ग्राम पंचायत के द्वारा किया गया। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और जमकर राजनीतिक नेताओं पर भड़ास निकाली गई और जिला प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल उठाए गए। बैठक ठीक समय पर सुबह 11 बजे शुरू की गई। इससे पूर्व गांव के बुजुर्ग पूर्व सरपंच पूर्ण सिंह को बैठक की अध्यक्षता करने को कहा। जिसने इसको स्वीकार कर लिया। संचालन जोगिंद्र सिंह कसान व होशियार सिंह प्यौदा ने किया। बैठक में थोड़े- थोड़े समय के लिए अनेक समुदाय के लोगों को बैठक में बोलने का समय दिया गया। बैठक में भरत सिंह बैनीवाल ने कहा कि आरक्षण के दौरान लगभग 31 लाख का गबन हुआ है, यदि उनको सारा सही रिकार्ड दिखाया गया तो घोटाला अधिक का भी हो सकता है।

धनराशि का यह दिया विवरण
किछाना कुई के पिछले बकाया में 1.76 लाख, एक फरवरी के चंदे में 52 हजार, 4 फरवरी के चंदे में 5 सौ, 8 में 51 सौ, 7 मार्च में 11 सौ, रसीद बुक 201 व 501 वाली में 76 हजार, रसीद 1 से 12 तक में 57 सौ, चैकों आदि की राशि में 58 हजार, घी में 1.27 लाख, सिलैंडर में 1.04 लाख, रिफाइंड में 26 हजार, सब्जी में 1.12 लाख, करियाना के सामान में 3.11 लाख, डिस्पोजल सामान में दो लाख, लकड़ी में 80 हजार, रसोई के सामान में 9.61 लाख का गमन हुआ है। आरक्षण धरने के दौरान कुल 80 लाख का चंदा आया और कमेटी के द्वारा केवल 59 लाख का बताया गया। खर्चा हुआ लगभग 31 लाख का जबकि दिखाया गया 41 लाख का। उन्होंने बताया कि धरने के दौरान जो रजिस्टर लगाया गया था, उसको गायब कर दिया गया और उसकी जगह दूसरा रजिस्टर दिखाया गया। जिसमें खजांची मास्टर अजमेर की लिखाई की बजाए उसके लड़के की लिखाई है। 

समुदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भी उठाए सवाल
इस दौरान इस बैठक में बोलने के लिए जसविंद्र को बुलाया गया तो उन्होंने बताया कि जब कैथल से दिल्ली घेराव का ऐलान हुआ था, तो यशपाल मलिक ने कहा कि कैथल वालों का यहां क्या काम। उनको किसने यहां बुलाया, जो अपने आप में चौधर चलाते हैं। हम पूछते है कि उतर प्रदेश में से आकर जो कैथल जिले में नाम चमका है, वह भी कैथल जिले ने ही चमकाया है।

आरक्षण की आड़ में करवाए अपने कार्य
भरत सिंह बैनीवाल ने बताया कि आरक्षण के दौरान जब जिला प्रशासन से बैठक होती थी तो प्रवीण किछाना व बलवान कोटड़ा प्रशासनिक अधिकारियों से अपने काम करने के लिए कहते थे। यहां तक की जब धरना समाज के लोग देवबन में देने की कह रहे थे तो इन्होंने जिला प्रशासन को जाखौली में कहा था। उन्होंने कहा था कि कैथल में सभी ऊंच प्रशासनिक नेता जाट समुदाय से है और उनका उनको पूरा साथ है। जिस कारण उन पर आंच न आए और धरना जाखौली में दिया जाए।

बनी 51 सदस्यों की कमेटी, अगली बैठक 19 मई को
बैठक में 51 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है। जो 19 मई को एक बैठक हनुमान वाटिका कैथल में होगी। किच्छाना व कोटड़ा  समुदाय के लोग प्रवीण किच्छाना व बलवान कोटड़ा से इस बारे में जानकारी लेंगे और हिसाब के लिए दबाव बनाएंगे। बैठक में यह भी बताया गया कि यदि राष्ट्रीय अखिल जाट समुदाय की कार्यकारिणी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती तो वे इस समुदाय से भी अलग हो सकते हैं।