अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव: लोगों को खूब भा रहा उत्तराखंड का जौनसारी नृत्य

12/7/2019 6:37:57 PM

कुरुक्षेत्र(रंदीप): कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में आज प्रदेश की एकमात्र संस्कृत यूनिवर्सिटी कैथल से कुलपति लोगों के साथ ग्रामीण क्षेत्र से पदयात्रा करते हुए गीता महोत्सव में पहुंचे। इस पदयात्रा में ककराना ग्रामीण सरपंच की अगुवाई में महोत्सव में पहुंचे। बता दें कि कैथल के गांव मुंदड़ी में संस्कृत विश्वविद्यालय अनोखी पहल कर रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति कैथल ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में संस्कार और ग्रामीण क्षेत्र में संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं।



मुंदड़ी संस्कृत विश्वविद्यालय ने कैथल के ग्रामीण क्षेत्र में पुरातन भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया हुआ है। भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में विश्वविद्यालय पहला कदम उठा चुका है। कैथल के गांव का ककराना में उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी है। ककराना गांव संस्कृत भाषा को अपनाकर आज गर्व महसूस कर रहा है। 



जौनसारी नृत्य बना लोगों की पहली पंसद 
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में देशभर के शिल्पकार अपने शिल्प कलाओं को प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कलाकार भी अपनी लोक कलाओं की प्रस्तुति ब्रह्मसरोवर के तट पर दे रहे हैं। इस बार गीता महोत्सव में उत्तराखंड स्टेट पार्टनर के रूप में शिरकत कर रहा है। उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति के नृत्य लोगों को खूब भा रहे हैं। जौनसारी संस्कृति देखकर पर्यटक गदगद हो रहे हैं। 



विरासत हेरिटेज विलेज पहुंचे केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया 
गीता महोत्सव में हरियाणवी पुरातन संस्कृति को दर्शाने वाला विरासत हेरिटेज विलेज लोगों का पंसीदा बना हुआ है। केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया आज हरियाणवी पुरातन संस्कृति विरासत हेरिटेज विलेज पहुंचे। उन्होंने पुरातन हरियाणा की जीवन शैली विलुप्त हो रही संस्कृति का अवलोकन किया। कटारिया ने कहा कि  हरियाणा की संस्कृति अपने आप में अनूठी संस्कृति थी। उन्होंने कहा कि लुप्त हो रही उस संस्कृति को आज देखकर बचपन की याद ताजा हो जाती हैं। 


 

Edited By

vinod kumar