बहुत हो चुके जमा, अब खातों से चाहिए अपना पैसा

12/4/2016 2:50:49 PM

जींद (जसमेर मलिक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्लैकमनी पर सर्जिकल स्ट्राइक के तहत की गई नोटबंदी के शनिवार को 25वें दिन जींद में बैंकों में हालात पूरी तरह बदले हुए थे। शनिवार को लोग बैंकों में पैसे जमा करवाने के लिए नहीं, अपने खातों से पैसा निकलवाने के लिए हजारों की संख्या में पहुंचे। जींद के ज्यादातर बैंक लोगों को उनका ही पैसा देने की स्थिति में नहीं थे। कैश को लेकर लगभग सभी बैंक और ए.टी.एम. जींद में कंगाल हो चुके हैं। 


122 में से केवल 40 ए.टी.एम. से लोगों को कुछ पैसा शनिवार को मिल पाया। अब कैश के संकट के चलते बैंक कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ लोग कैश को लेकर सीधे उलझने लगे हैं। खटकड़ के बैंक में तो स्टाफ को गुस्साए लोगों ने बैंक के गेट पर ताला लगाकर अंदर बंद कर दिया था।


शनिवार को जींद में लोगों को उनके खातों से पैसा देने के लिए कैश की डिमांड लगभग 40 करोड़ की थी। बैंकों को शनिवार को आर.बी.आई. से मुश्किल से 4 करोड़ रुपए मिल पाए। इससे हालात बद से बदतर होने लगे हैं। हालात कैश को लेकर उसी समय सामान्य हो सकते हैं, जब जींद में हर रोज लगभग 20 करोड़ रुपए का कैश पहुंचे। हालत यह है कि जींद की हर रोज की कैश की मांग लगभग 40 से 45 करोड़ है और मुश्किल से हर रोज जींद में 4 से 5 करोड़ रुपए कैश आ रहा है। इसे लेकर एल.डी.एम. एम.के. झा का कहना है कि लोगों की मांग का आधा कैश भी अगर बैंकों को मिल जाता है तो यह कहा जा सकता है कि हालात सामान्य होने की तरफ जा रहे हैं। इस समय स्थिति यह है कि मांग का मुश्किल से चौथा हिस्सा कैश बैंकों को मिल पा रहा है। नतीजा यह है कि लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार कैश नहीं मिल रहा। 

गुस्साए लोग अब अपना गुस्सा बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों पर उतारने लगे हैं। कई बैंकों में लोगों का बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों से टकराव हो चुका है। झा के अनुसार खटकड़ में बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को कैश नहीं मिलने से गुस्साए लोगों ने बैंक में ही बंधक बना दिया। इसे देखते हुए अब उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि बैंकों पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जाए। लोग इस बात को नहीं समझ रहे कि बैंकों के पास लोगों को देने के लिए कैश नहीं है। बैंकों में अब 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग अपने खातों में जमा पैसा जरूरत के लिए निकलवाने की खातिर आ रहे हैं। जमा करवाने के लिए बहुत कम लोग बैंक आ रहे हैं।