लाॅकडाउन: आढ़तियों ने किया किसानों को फोन, 20 अप्रैल के बाद लेकर आए मंडी में फसल
3/29/2020 1:38:38 PM
राेहतक(दीपक): अनाज मंडी में इन दिनों फसल की भरमार होती है, जहां सरसों की फसल मंडियों में पहुंचनी शुरू हो जाती है, वहीं गेहूं की फसल को रखरखाव की तैयारियां भी शुरू कर दी जाती है। लेकिन लाॅकडाउन के चलते फसलों के लिए तैयार शेड बिल्कुल खाली दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं मंडी में लाॅकडाउन की वजह से इक्का-दुक्का ही व्यक्ति नजर आ रहा हैं।
इस बारे में आढ़तियों ने कहा कि वे लॉकडाउन का पूरे तरीके से पालन कर रहे हैं और उन्होंने किसानों को भी फोन कर यह कह दिया है कि वे 20 अप्रैल के बाद ही फसल मंडी में लेकर आएं। क्योंकि सरकार ने 1 अप्रैल की वजह इस बार गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से शुरू करने का निर्णय लिया है। हालांकि किसानों के लिए राहत यही है कि 20 अप्रैल से 5 मई तक होने वाली खरीद के लिए गेहूं निर्धारित मूल्य 1925 रुपए प्रति क्विंटल, 6 मई से 31 मई तक मंडी में गेहूं की फसल लाने वालों को 1975 रुपए प्रति क्विंटल, जबकि 1 जून से 30 जून तक गेहूं की फसल का दाम ₹2050 प्रति क्विंटल रहेगा।
अभी रबी की फसल मंडियों में आने का समय हो गया है। जिसमें मुख्य तौर पर सरसों, चना व गेहूं की फसल है। सरसों की फसल की कटाई शुरू हो चुकी है, जबकि गेहूं की फसल खेतों में कटने के लिए तैयार है। हालांकि सरकार की ओर से यह कहा जा चुका है कि देश में खाद्य सामग्री की कोई कमी नहीं है और उनके भंडार भरे हुए हैं, लेकिन लाॅकडाउन के बाद अनाज मंडी सुनसान दिखाई दे रही है।
इन दिनों में सरसों की फसल की खरीद शुरू हो जाती है, जबकि गेहूं की फसल की खरीद के लिए तैयारियां की जाती है। फसल को रखने वाले शेड पूरी तरह से खाली हैं और मंडी बिल्कुल सुनसान दिखाई दे रही है। इक्का-दुक्का आढती ही मंडी में अपनी दुकानों पर बैठे हुए दिख रहे हैं।
आढ़तियों का कहना है के फिलहाल मंडी में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग पूरी तरह से बंद है। हालांकि उन्हें इसके चलते काफी नुकसान हो रहा है, लेकिन वे देश के साथ खड़े हैं और इस लाॅकडाउन का बखूबी पालन भी कर रहे हैं। यही नहीं आढ़तियों ने मिलकर लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था भी अपनी ओर से शुरू की है।