अस्मत और जान गंवाने के बाद भी नहीं मिलता अबलाओं को न्याय

6/5/2018 11:33:54 AM

अम्बाला(मीनू): सरकार भले ही महिलाओं और मासूम बच्चियों के साथ रेप, गैंगरेप और हत्या के मामलों में सख्त कार्रवाई के दावे करती हो लेकिन हकीकत यह है कि पुलिस कई मामलों को सुलझाने में नाकाम साबित हो जाती है। जींद में कुरुक्षेत्र की एक किशोरी की गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में पुलिस 5 माह का समय बीतने के बावजूद आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। मृतका का पिता न्याय के लिए भटक रहा है और पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है।

जनवरी में कुरुक्षेत्र की एक 15 साल की लड़की का अपहरण हो गया था। कुरुक्षेत्र पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया था। 3 दिन बाद उसका शव जींद में नहर से बरामद हुआ था। पुलिस ने शव का पी.जी.आई. रोहतक से पोस्टमार्टम करवाया था, जहां फोरैंसिक विभाग के प्रमुख एस.के. धत्तरवाल ने गैंगरेप की पुष्टि की थी। उसके पूरे शरीर पर 19 गंभीर चोटें पाई गई थीं। अटॉप्सी करने पर इस बात का पूरा अंदेशा जताया गया था कि आरोपियों ने मृतका के प्राइवेट पार्टस में तेज धारदार वस्तु भी डाल दी थी जिससे उसके अंदरूनी अंग फट गए थे। बच्ची ने मरने से पहले दरिंदों के साथ जमकर संघर्ष भी किया था। मृतका के परिजनों ने कुरुक्षेत्र पुलिस को दर्ज शिकायत में वहीं के एक युवक पर अपहरण का आरोप लगाया था। आरोपी युवक भी 3 दिन बाद मृत पाया गया था। 

जींद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने मृतका के परिजनों को भरोसा दिलाया था कि पुलिस 2 माह में आरोपियों का पता लगाकर उन्हें सलाखों के पीछे डाल देगी। करीब 5 माह बीतने के बावजूद पुलिस न तो दरिंदों की पहचान कर पाई है और न ही उनकी गिरफ्तारी। पुलिस अधिकारी दुष्कर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की बात करते हैं लेकिन ऐसे मामलों की कमी नहीं है जो लंबे समय से अनट्रेस पड़े हुए हैं। 

मृतका के परिजनों ने आई.जी. से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। परिजन परेशान होकर 20 जून तक का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद वे पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि यह मामला शुरूआत में विधानसभा तक में गूंजा था। अब इस मामले को लेकर नेताओं ने भी चुप्पी साधी हुई है।  

Deepak Paul