ईमानदारी की मिली सजा : कैथल के डीईटीसी वी के शास्त्री सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला?

12/17/2023 4:24:38 PM

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : प्रदेश के सबसे बड़े वैट घोटाले की जांच कमेटी में अहम भूमिका निभाने वाले व जीएसटी चोरी करने वाले बड़े बिल्डर और ठेकेदारों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करने में माहिर प्रदेश के आबकारी एवं कराधान जीएसटी विभाग के तेज तर्रार और दबंग अधिकारी डी.ई.टी.सी वी.के शास्त्री को आखिरकार अपनी ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ी। विभाग के मुख्य सचिव दविंद्र सिंह कल्याण ने आदेश जारी करते हुए उन्हें से निलंबित कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक लोकायुक्त की रिपोर्ट में दोषी मिले 69 अधिकारियों की लॉबी के दबाव में यह कार्रवाई की गई है। क्योंकि इस अधिकारी ने प्रदेश बड़े कई बड़े बिल्डर और ठेकेदारों की नाक में दम कर रखा था। इसके साथ ही अभी पिछले हफ्ते ही अपने ही विभाग के भ्रष्ट तीन बड़े अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर  दर्ज करने के लिए कैथल एसपी को भी पत्र लिखा है। इसी तरह जीएसटी चोरी करने वालों को न पकड़ने वाले अपने ही विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए अक्सर मुख्यालय को लिखते रहते थे। इनका तबादला प्रदेश के जिस भी जिले में हुआ इन्होंने वहीं पर जीएसटी व रोड साइड टैक्स चोरी के बड़े घोटालों को उजागर किया। इस कारण इनको प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिला प्रशासन व सरकार के नुमाइंदों द्वारा प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया है।

बता दें कि वी.के शास्त्री की जहां भी ट्रान्सफर हुई उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और जीएसटी चोरों पर लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई करते रहे। कैथल जिले में जीएसटी चोरी व रोड साइड चैकिंग के दौरान बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने 6 महीने के कार्यकाल के दौरान 7 करोड़ 3 लाख का जुर्माना वसूला। ये कार्रवाई पिछले सात साल में सबसे ज्यादा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डी.ई.टी.सी के सख्त रैवेये के कारण इतनी बड़ी रकम जुर्माना के तहत वसूली गई है। जिससे एक तरफ सरकार के राजस्व में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है और दूसरी तरफ जीएसटी चोरों पर लगाम भी कसी गई है।

10618 करोड़ का वैट घोटाला पकड़ने पर सीएम भी थपथपा चुके हैं पीठ

साल 2015 में वी.के शास्त्री ने प्रदेश में हुए सबसे बड़े वैट घोटाले की एस.आई.टी में अहम भूमिका निभाते हुए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बिना टैक्स के कमर्शियल एक्टिविटी, रोड साइड चैकिंग, बॉक्स फर्म क्लेम सहित कुल 10618 करोड़ रुपयों का वैट घोटाला पकड़ा था। जिसमें विभाग के 69 अधिकारियों की भी संलिप्तता पाई गई थी। जिन पर कार्रवाई करने के लिए लोकायुक्त को लिखा गया था। वीके शास्त्री द्वारा किए गए इस कार्य से खुश होकर उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इनकी पूरी टीम के साथ पीठ थपथपाई थी।

 
फतेहाबाद में शराब के 18 डिफाल्टरों की लेंड अटैच करने पर डिप्टी सीएम ने दी थी मिसाल

वी.के शास्त्री जब 2019 में फतेहाबाद के कार्यरत थे। तब इन्होंने विभाग की जुर्माना व फीस राशि जमा न करने वाले जिले के 18 शराब ठेकेदारों पर कार्रवाई करते हुए उनकी लैंड अटैक करवाई थी। जिसको लेकर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मीटिंग के दौरान इनकी खूब सराहना की थी। साथ ही प्रदेश के सभी अधिकारियों को इनका अनुसरण करने के लिए बोला था ।


वी.के शास्त्री की ये रही हैं उपलब्धियां

1. प्रदेश के सबसे बड़े वेट घोटाले  की जांच कमेटी में अहम भूमिका निभाई। इसमें 10618 करोड़ रुपए का घोटाला पकड़ा गया।
2. साल 2015 में गुड़गांव के बतौर ई.टी.ओ रहते हुए बिल्डर व ठेकेदारों पर 938 करोड़ रुपए की टैक्स और पेनल्टी लगाई।
3. साल 2017 में सिरसा के ई.टी.ओ रहते हुए सिगरेट बीड़ी व टाईल्स और गलत रिफंड लेने वालों पर 200 करोड़ रुपए की टैक्स व पेनल्टी लगाई।
4. साल 2007 से 2017 तक जो रिकवरी हुई थी उतनी रिकवरी मात्र 2018 में फतेहाबाद के डी.ई.टी.सी रहते हुए एकत्रित की थी।
5. इस तरह फतेहाबाद में डी.जी.आई.एस.टी के साथ मिलकर 7672 करोड़ रुपए की फर्जी फर्मों का जीएसटी घोटाला उजागर करते हुए 21 ठेकेदार व फर्म संचालकों के खिलाफ मामले दर्ज करवाए। 
6. अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के दौरान करोड़ों रुपयों की शराब बिक्री की चोरी पक जुर्माना लगाया।
7. कैथल में मात्र 6 महिनों में ही पिछले 10 सालों के बराबर रोड साइड चैकिंग पकड़ जुर्माना लगाया।
8. लोकायुक्त की रिपोर्ट में दोषी पाए गए 69 अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए लिखा। 
9. जीएसटी चोरी करने वाले ठेकेदार व बिल्डरों के खिलाफ समय पर केस दर्ज न करने वाले अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई करने बारे विभाग को लिखा।

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Content Writer

Manisha rana