कलयुगी गुरु का घटिया कारनामा, छात्राओं के साथ करता था अश्लील हरकतें(Video)

3/15/2018 4:25:45 PM

रेवाड़ी(मोहिंदर भारती): रेवाड़ी के एक स्कूल में गुरू द्वारा छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करने का मामला सामने आया है। यहां कलयुग का गुरु 8वीं कक्षा की छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करता रहा और बाकि अध्यापकों को इसकी भनक तक नहीं लगी। छात्राओं ने इसकी लिखित शिकायत मुख्य अध्यापक को की। शिकायत के बाद स्कूल में एक जांच कमेटी बनाकर गुरु को निलंबित कर दिया गया। 

जिस स्कूल की हम बात कर रहे है ये रेवाड़ी के पाल्हावास गांव का राजकीय कन्या मिडिल स्कूल है। जहां कक्षा 6 से लेकर आठवी तक 87 छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती है। इसी स्कूल में बच्चों को सुसंस्कृत करने के लिए संसकृत पढाने वाले बस्ती राम शास्त्री पर आठवी कक्षा की 28 छात्राओं ने वो संगीन आरोप लगाए है। जो सरकार की कुम्भकर्णी नींद तोड़ने के लिए काफ़ी है। 

प्रदेश के माननीय शिक्षा मंत्री आएं दिन सरकरी स्कूलों को लेकर बड़े-बड़े दावें करते है। लेकिन हकीकत क्या है ये इन छात्राओं के आरोपों से पता चल जाता है। छात्राओं का आरोप है कि संस्कृत पढाने वाले अध्यापक बस्ती राम ना केवल अश्लील हरकतें करते थे बल्कि साथ ही वह जाति को लेकर भी भेदभाव करते थे। छात्राएं काफ़ी दिनों से यह सब सह रही थी। आख़िर तंग आकर उन्होंने अपनी आप बीती एक महिला अध्यापक को बताई। शिक्षका ने इस बात की जानकारी मुख्य अध्यापक को दी। यहीं नहीं छात्राओं ने इसकी एक लिखित शिकायत भी मुख्य अध्यापक को दी। परिजनों का गुस्सा देख जांच कमेटी बनाई गई। जिसके बाद कमेटी ने आरोपी अध्यापक को निलंबित कर दिया।

छात्राओं का आरोप है कि कलयुग के गुरु ने एक दलित छात्रा की पहले तो बेरहमी से पिटाई की। उसके बाद छात्राओं से कहा कि उसके हाथों एक अछूत की पिटाई हुई है इसलिए उसके हाथ धुलवाएं जाएं। यहीं नहीं जब छात्राएं मुश्किल दिनों में अवकाश मांगती थी तो वह उनपर यह बताने का जोर डालते थे कि उन्हें छुट्टी क्यूं चाहिए।

अधेड़ उम्र का गुरु नन्ही- मुन्नी छात्राओं को यह भी कहता था कि उनके हाथों की रेखाएं उन्हें हाथों से मेल खाती है। इस मामले को पहले तो सामाजिक लोक-लाज की वजह से दबाने का खूब प्रयास किया गया। लेकिन परिजनों के गुस्से के आगे अध्यापक को निलंबित तो कर दिया लेकिन पुलिस को सूचित नहीं किया गया। 
 

इस सम्बंध में जिला शिक्षा अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने बात को हल्के में लेते हुए कहां कि पुलिस में शिकायत करना मेरा नहीं बल्कि मुख्य अध्यापक का काम है। मुख्य अध्यापक तो स्कूल में मीडिया के पहुंचते ही नो दो ग्यारह हो गए। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों में कमेटी भी गठित की जाती है। वहीं पुलिस भी लगातार स्कूलों में जाकर छात्राओं को जागरूक करती रहती है। लगभग दो महीने से छात्राएं ये सब सह रही थी और इसके बारें में किसी को भनक तक नहीं लगी।