लाठीचार्ज मामले पर सामने आया करनाल प्रशासन, डीसी ने एसडीएम वाले वीडियो पर प्रकट किया खेद

8/29/2021 11:43:41 PM

करनाल (केसी आर्या): करनाल में हुए किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर करनाल प्रशासन मीडिया से रूबरू हुआ। करनाल के एसपी गंगा राम पूनियां और डीसी निशांत यादव ने कहा कि हम किसानों के साथ लगातार संपर्क में थे, लेकिन बाद में उनकी तरफ से हाइवे जाम कर दिया गया। रुट डाइवर्जन उस वक्त हुआ नहीं था, ऐसे में हमारी तरफ से मिनिमम बल प्रयोग किया गया। एसपी ने कहा कि पुलिस पर भी पत्थर बरसाए गए, उनपर भी एक किसान ने कस्सी लेकर हमला करने की कोशिश की, हमारे 13 पुलिसकर्मियों को चोट आई हैं।

वहीं एसडीएम के वायरल वीडियो पर करनाल के उपायुक्त ने कहा कि मैं उनके शब्दों पर खेद प्रकट करता हूं। उनकी मंशा ऐसी कोई नहीं थी, जहां पर वो शब्द उन्होंने बोले वो सिर्फ कार्यक्रम स्थल से थोड़ी दूरी पर थे और वो आखिरी नाका था, अगर किसान वहां आ जाते तो उसका मतलब वो पीछे 2 नाके तोड़ कर आ रहे हैं और वो इस नाके पर पहुंच जाते तो वो आगे जाकर कार्यक्रम स्थल पर तोड़ फोड़ कर सकते थे। पहले चेतावनी देनी है उसके बाद भी कोई ना माने तो उसके बाद लाठियां मारनी हैं। 

डीसी ने कहा कि मीडिया में उनकी पूरी ब्रीफिंग नहीं चल रही, कुछ हिस्सा उसका चलाया जा रहा है। जो टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज हुआ उसका इस वीडियो से कोई लिंक नहीं था। प्रशासन का कहना है कि किसानों को मिनिमम चोटें आई हैं। किसानों के रास्ते प्रशासन से बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं, हल बातचीत ही होगा।

डीसी के मुताबिक, वहीं एक किसान की मौत की जो खबर सामने आई है वो लाठीचार्ज के चलते मौत नहीं हुई। किसान किसी हॉस्पिटल में भर्ती नहीं हुआ, कल प्रदर्शन के बाद वो घर चला गया था और रात में उसकी मौत हो गई। परिवार वालों से जानकारी मिली है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। कल की किसानों की मीटिंग को लेकर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि कोई बातचीत करना चाहता है तो आकर कर सकता है। अगर कोई कानून व्यवस्था भंग करेगा तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। 

वहीं एसपी गंगा राम पूनियां ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों को धमकी दे रहे हैं और किसी ने तो गोली मारने की धमकी भी दी है। जो लोग इस तरह से धमका रहे हैं और उनके परिवार वालों को परेशान कर रहे हैं, उनके खिलाफ हम सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि कल के घटनाक्रम को लेकर 27 नामजद और बाकी अन्य किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

Content Writer

Shivam