जानिए, WWE के रिंग में उतरने वाली देश की पहली महिला रेसरल की फिटनेस का राज

9/17/2017 1:18:33 PM

जींद: हरियाणा की बेटी कविता दलाल डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में उतरी देश की पहली महिला पहलवान हैं। भारतीय लिबास में CWE के रिंग में उतरकर अपनी पहली फाइट में नेशनल रेसलर बुलबुल को रिंग में चित करके कविता सुर्खियों में आईं थी। कविता का कहना है कि वेटलिफ्टिंग में ड्रेस कोड होता है। इस वजह से सलवार कमीज पहनकर कभी उसमें हिस्सा नहीं ले पाई। अगर सलवार-कमीज पहनकर फाइट से कोई रोकता तो रेसलिंग छोड़ देती। यह हमारे देश की संस्कृति को विदेशों में बढ़ावा देने का मेरा तरीका है। हालांकि कविता के रोजमर्रा के पहनावे में जींस, पेंट और शर्ट-टीशर्ट शामिल हैं।

जानिए कविता दलाल का डाइट चार्ट
कविता बताती हैं कि उन्होंने कभी भी मीट नहीं खाया है। हमेशा ही शाकाहार फेवरेट रहा। देशी घी से बना हलवा, चूरमा, खीर, दूध लेती हैं। फाइट शुरू होने से एक-डेढ़ घंटे पहले उबले आलू, चना, चावल लेती हैं। कभी-कभी सप्लीमेंट लेती हैं। सुबह नाश्ते में दूध के साथ दलिया खाती हैं। रिंग में प्रैक्टिस से पहले फ्रूट, ड्राईफ्रूट या प्रोटीन लेती हैं। लंच में दाल, सब्जी, चावल, रोटी, सलाद होता है। शाम को जिम जाने से पहले दूध, केले आदि लेकर एक-डेढ़ घंटे खूब पसीना बहाती हैं। शाम के भोजन में हलवा, खीर, चूरमा और रोटी-सब्जी खाती हैं। इसके बाद ठंडा दूध पीती हैं। वे दिन में 3 लीटर दूध पीती हैं। महीने भर में 6 किलो घी लगता है और रोज करीब 50 ग्राम काजू-बादाम खाती हैं। उनकी डाइट का एक किस्सा 2008 का है। वे लखनऊ में वेटलिफ्टिंग ट्रेनिंग कैम्प में थीं। साथियों से शर्त लग गई कि कौन ज्यादा खाता है। वे 32 रोटियां खा गईं। जबकि साथी तो 16-17 के आगे बढ़ नहीं सके।

बड़े भाई ने किया था वेट लिफ्टिंग के लिए प्रेरित
जींद जिले के मालवी गांव निवासी कविता ने जुलाना के सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं की कक्षा पास की। कविता के बड़े भाई संजय ने कविता को वेट लिफ्टिंग के खेल के लिए प्रेरित किया। वर्ष 2002 में कविता ने फरीदाबाद में वेट लिफ्टिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। वर्ष 2003 में कविता ने प्रशिक्षण के लिए बरेली साईं हॉस्टल में दाखिला लिया, लेकिन यहां के प्रशिक्षण से कविता संतुष्ट न हो पाईं। वर्ष 2004 में कविता ने लखनऊ से अपना प्रशिक्षण शुरू किया, जो 2007 तक जारी रहा। प्रशिक्षण के साथ-साथ कविता ने अपनी पढ़ाई का सफर भी जारी रखा। 2005 में कविता ने बीए की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 2008 में कविता ने एसएसबी में बतौर कांस्टेबल के पद पर नौकरी ज्वाइन की। वर्ष 2009 में कविता की शादी बड़ौत (उत्तरप्रदेश) निवासी गौरव से हुई। गौरव भी एस.एस.बी. में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं और वॉलीबाल के अच्छे खिलाड़ी हैं।

पहली ही फाइट में नेशनल रेस्लर को कर दिया था चित 
कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट (CWE) की रिंग में उतरकर अपनी पहली ही फाइट में नेशनल रेस्लर बुलबुल को रिंग में चित कर दिया था। इसके बाद कविता सुर्खियों में आ गई थीं। 

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते कई मेडल
कविता दलाल 13-14 साल की उम्र में खेत में मां के साथ जाती तो 40-50 किलो की चारे की गठरी अकेले ही उठा लेती थी। जबकि इस उम्र के दो-तीन लड़के मिलकर ऐसी गठरी उठा पाते थे। कविता ने 12 वर्ष तक वेटलिफ्टिंग में ही देश के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते।