हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयर पर्सन पद से केशनी आनंद अरोड़ा हुई सेवानिवृत
punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 06:52 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन प्राधिकरण की चेयर पर्सन पद से केशनी आनंद अरोड़ा आज सेवानिवृत हो गई। 1983 बैच की आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा को हरियाणा सरकार में मुख्य सचिव पद पर 30 सितंबर 2020 तक कार्यरत रही हैं। आईएएस परिवार से सम्बंध रखती हैं। इनसे पूर्व इनकी 2 बड़ी बहने मीनाक्षी आनंद चौधरी व उर्वशी गुलाटी भी चीफ सेक्टरी रह चुकी हैं।यह चीफ सेक्टरी पद पर पहुंचने वाली 5 वी महिला आई ए एस हैं।हरियाणा में चीफ सेक्टरी पद तक पहुंचने वाली पहली महिला आई ए एस अधिकारी प्रोमिला इस्सर बनी थी।उनके बाद मीनाक्षी आनंद चौधरी,उर्वशी गुलाटी,शकुंतला जाखू बनी हैं।केशनी आनंद अरोड़ा को दो बहनें भी हरियाणा की मुख्य सचिव रह चुकी हैं। उनकी बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद 8 नवंबर 2005 से 30 अप्रैल 2016 तक मुख्य सचिव रहीं, जबकि उर्वशी गुलाटी को 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 तक मुख्य सचिव पद संभालने का मौका मिला।
केशनी आनंद अरोड़ा के कार्यकाल में हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन प्राधिकरण ने कई नए आयाम स्थापित किए।हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन प्राधिकरण हरियाणा सरकार की प्रमुख स्थापनाओं में से एक है और प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार घट रहे वाटर लेवल (भूजल स्तर) को देख बेहद गंभीर थे। अपनी देखरेख में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा कई महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रदेश में चलाकर कई बड़े फैसले लिए गए थे। तब मुख्यमंत्री द्वारा इस कार्य की जिम्मेदारी बेहद वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा को सौंपी गई थी। केशनी आनंद अरोड़ा को प्रदेश की पहली महिला उपायुक्त बनने का गौरव प्राप्त है। अरोड़ा लगातार तमाम विभागों में अपनी कार्यकुशलता- परिपक्वता और सूज भुझ को साबित करने वाली आईएएस अधिकारी रही है और हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के बाद सेवानिवृति पाने वाली अरोड़ा को हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयर पर्सन नियुक्त कर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन पर एक बड़ा विश्वास जताया था। जिसका उत्तम रिजल्ट इस अवार्ड के रूप में सम्मान पाकर प्रदेश को मिला है।इनके कार्यकाल में हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन प्राधिकरण को वाटर डाइजेस्ट वाटर अवार्ड्स 2023–24 एवं 2024–25 से सम्मानित किया गया, जिससे भूजल प्रशासन और प्रबंधन में उत्कृष्टता की पुष्टि होती है।
हरियाणा सरकार की पूर्व मुख्य सचिव एवं वर्तमान में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (HWRA) की अध्यक्ष, श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, आईएएस (सेवानिवृत्त) के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य ने भूजल, सतही जल और उपचारित अपशिष्ट जल के सतत प्रबंधन में उल्लेखनीय प्रगति की है। केशनी आनंद अरोड़ा के कार्यकाल में समेकित जल संसाधन योजना (IWRP) 2023–2026 एक अभिनव पहल हुई।भारत में पहली बार ब्लॉक स्तर पर जल संसाधनों की योजना तैयार की है, जिसे समेकित जल संसाधन योजना 2023–26 कहा गया। 22 जिलों की जिला जल संसाधन योजनाओं (DWRPs) के आधार पर अब राज्य के पास एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित रणनीति है, जो जमीनी स्तर पर जल उपलब्धता और मांग का मानचित्र तैयार करती है।एक समन्वित दो-वर्षीय कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसमें आपूर्ति-पक्ष और मांग-पक्ष दोनों प्रकार के हस्तक्षेप स्पष्ट *मुख्य प्रदर्शन संकेतकों (KPIs)* के अंतर्गत समाहित हैं। इसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024–25 तक 14,026.78 एमसीएम के जल अंतराल को कम करना है। अप्रैल 2023 में आयोजित ऐतिहासिक *“अमृत जल क्रांति” जल सम्मेलन* ने इन रणनीतियों के लिए मंच उपलब्ध कराया।
अरोड़ा के कार्यकाल में समेकित जल संसाधन कार्ययोजना (IWRAP) 2023–25 : 86% लक्ष्य प्राप्ति हुई व उल्लेखनीय परिणाम दिए। जनवरी 2025 तक *5.56 बीसीएम जल का संरक्षण, जो मार्च 2025 के **6.43 बीसीएम लक्ष्य का 86%* है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से 3.78 बीसीएम, सिंचाई विभाग के आधुनिकीकरण से 0.66 बीसीएम।केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) के आंकड़ों के अनुसार भूजल पुनर्भरण में *11% की वृद्धि* हुई है, जो जल संकट से निपटने की क्षमता को दर्शाता है।HWRA द्वारा पूर्व में उजागर किए गए इन परिणामों से व्यापक प्रगति परिलक्षित होती है: हरियाणा ने अपनी 2023 की जल बचत लक्ष्यों का *95% हासिल किया, जिसमें 2,48,702 करोड़ लीटर जल बचत शामिल है। यह मुख्यतः **फसल विविधिकरण, डायरेक्ट सीडिंग तकनीक और जलाशयों के पुनर्जीवन* के माध्यम से संभव हुआ।नीति आयोग और जल शक्ति मंत्रालय** ने IWRP और IWRAP की तैयारी एवं क्रियान्वयन में HWRA के प्रयासों की सराहना की। नई IWRAP 2025–27 : महत्वाकांक्षी लक्ष्य, विश्व जल दिवस पर शुभारंभ हुआ।
मार्च 2025 में HWRA ने IWRAP 2025–27 का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य FY 2023–24 में पहचाने गए 12,01,337 करोड़ लीटर के जल अंतराल को संबोधित करना है। नई योजना अगले दो वर्षों में 6,10,881 करोड़ लीटर (50% से अधिक अंतर)की बचत का लक्ष्य रखती है।इस पहल का औपचारिक शुभारंभ 22 मार्च 2025 (विश्व जल दिवस)** को माननीय मुख्यमंत्री, जल शक्ति मंत्री और सिंचाई मंत्री द्वारा किया गया था।
एनओसी एवं संरक्षण फंडिंग से ठोस प्रभाव देखने को मिले।HWRA ने 7,157 एनओसी जारी किए, ₹278.13 करोड़ की वसूली की, और ₹99.56 करोड़ जल संरक्षण गतिविधियों पर खर्च किए। इसमें 237 स्कूलों में छत पर वर्षा जल संचयन संरचनाएं** तथा राज्यभर में अनेक पुनर्भरण पहल शामिल हैं।रणनीतिक हस्तक्षेप के लिए भूजल क्षेत्रीय विभाजन में पहली बार, हरियाणा को भूजल क्षेत्रों में विभाजित किया गया है (जून 2020 के आंकड़ों के आधार पर), जिससे जल संकटग्रस्त और जलभराव वाले क्षेत्रों के लिए सटीक एवं क्षेत्र-विशिष्ट रणनीतियाँ बनाई जा सकें।