कर्मचारियों से जबरन वसूली कर रही खट्टर सरकार : सुर्जेवाला
4/8/2020 8:52:55 AM
चंडीगढ़ : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने कहा कि भारतीय परंपरा और संस्कृति में दान सदैव ऐच्छिक रहा है। यह पहला मौका है कि एक तरफ कर्मचारी सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों से परेशान हैं और दूसरी तरफ सरकारी फरमान के जरिए 20 प्रतिशत तक वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में कर्मचारी जान की बाजी लगाकर आगे खड़े हैं। सुरक्षा उपकरण न होने के बावजूद डाक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी और विभिन्न विभागों के कर्मचारी और अधिकारी दिन-रात एक कर रहे हैं।
इसके बावजूद 7 अप्रैल तक खट्टर सरकार ने तनख्वाह नहीं दी है। इसके अलावा वैब पोर्टल बना कर्मचारियों द्वारा 10 या 20 प्रतिशत या उससे अधिक उगाही की जा रही है। सुर्जेवाला ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य कर्मियों ओर दूसरे अधिकारियों तक को नहीं बख्शा गया। एक तरफ पर्सनल प्रोटैक्शन इक्विपमैंट के अभाव में डाक्टर और नर्स संक्रमित हो रहे हैं। दूसरी तरफ वसूली सरकार के अमानवीय तथा असंवेदनशील रवैये को साबित करती है।
जबरदस्ती के फरमान का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जबरन दान न देने वाले कर्मचारियों की मार्च की तनख्वाह रोकने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस बारे जिला शिक्षा अधिकारी, पानीपत के पत्र का हवाला भी उन्होंने दिया। यही नहीं, विभाग प्रमुख को हिदायत दी है कि कर्मचारियों के व्हाट्सऐप ग्रुप में सख्ती से आदेश कर जबरन वसूली करें।
मुख्यमंत्री को कर्मचारियों पर जबरदस्ती दिखाने से पहले राज्यपाल, सांसद और विधायकों का 3 माह का वेतन रिलीफ फंड में जमा करवाना चाहिए था। इसके साथ-साथ उद्योगपतियों, मिल मालिकों, बड़ी-बड़ी माइनिंग और शराब की कंपनियों तथा अन्य पूंजीपतियों को प्रोत्साहित करते। उन्होंने पूछा कि खट्टर सरकार ने फंड से किस मद में कितना पैसा खर्च किया?